छतरपुर। श्री कृष्णा विश्वविद्यालय, छतरपुर में दीक्षारंभ कार्यक्रम का आयोजन उत्साह पूर्वक किया गया। इसमें स्नातक और स्नातकोत्तर के नवप्रवेशित विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय के उच्च अधिकारियों, प्राध्यापकों से परिचय कराने के साथ- साथ विश्वविद्यालय में संचालित पाठ्यक्रम की जानकारी दी गई। नवीन प्रवेशित छात्र-छात्राओं का गुलाल लगाकर स्वागत किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. बृजेन्द्र सिंह गौतम, प्रभारी कुलगुरु डॉ. अमित जैन, प्रभारी कुलसचिव डॉ. दिगंत द्विवेदी, अकादमिक प्रमुख डॉ. विवेक प्रताप सिंह ने माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर तत्पश्चात दीप प्रज्ज्वलन कर किया।
सर्वप्रथम कम्प्यूटर साइंस विभाग के विभागाध्यक्ष ओंकार तिवारी ने उपस्थित विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय में संचालित पाठ्यक्रम, उनकी उपयोगिता, विश्वविद्यालय में स्थापित केंद्रीय पुस्तकालय, विभागीय पुस्तकालय एंव विभिन्न प्रयोगशालाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी।कुलाधिपति महोदय डॉ. बृजेन्द्र सिंह गौतम ने विद्यार्थियों को कुसंगति व दुषप्रेरणा से बचकर लक्ष्य प्राप्ति का संदेश देते हुए कहा कि शिक्षा हमारे व्यक्तित्व विकास में मील का पत्थर होती है। सफलता के लिए कड़ी मेहनत की आवश्यकता होती है, इसे प्राप्त करने के लिए आपको दूसरों की तुलना में कुछ अतिरिक्त प्रयास करने की आवश्यकता है। आपको अपनी सफलता के लिए योजनाएँ बनाने की आवश्यकता है और जब आप इसे प्राप्त करेंगे तो यह कैसा दिखेगा। अपने जुनून को अपनी सफलता बनाने की कोशिश करें इन्ही शुभकामनाओं के साथ आप सभी विद्यार्थियों का विश्वविद्यालय में स्वागत करते है।
प्रभारी कुलगुरु डॉ. अमित जैन ने नई शिक्षा नीति के महत्व के साथ व्यावहारिक जीवन में नैतिक और मानवीय मूल्यों को विकसित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों से छात्रों के बहुमुखी विकास के लिए योजना बनाई गई है, अब विद्यार्थी अपनी सुविधा अनुसार मुख्य विषय, इलेक्टिव विषय, वैल्यू एडिशन कोर्स का चयन कर पाएंगे। जिससे छात्र के ज्ञान, कौशल विकास एवं रोजगार प्राप्ति में सहायता मिलेगी।
प्रभारी कुलसचिव डॉ. दिगंत द्विवेदी ने कहा कि विद्यार्थी जीवन आपके भविष्य को तय करता है हमारे व्यक्तित्व विकास के लिए एंव जीवन के हर लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए शिक्षा महत्वपूर्ण हैं क्योकि शिक्षा हमारे सम्पूर्ण व्यक्तित्व का विकास करती है। आप एक सफल व्यक्ति बनने की कोशिश न करके बल्कि मूल्यों पर चलने वाले व्यक्ति बनकर राष्ट्र उत्थान में अपना योगदान दें।
अकादमिक प्रमुख डॉ. विवेक प्रताप सिंह ने अपने उद्धबोधन में नवीन प्रवेशित विद्यार्थियों का स्वागत करते हुए कहा कि विद्यार्थी अनुशासन के साथ पढ़ाई करें। समय पर अपनी कक्षाओं में उपस्थित होकर अध्ययन करें उसका लाभ उठाकर अपने लक्ष्य को प्राप्त करें। इससे विश्वविद्यालय की गुणवत्ता बढ़ेगी।
वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. संजय सक्सेना ने कहा आप सभी विद्यार्थियों को अपने माता पिता की कड़ी मेहनत का फल अपने लक्ष्य को प्राप्त करके ही पूर्ण करना है खुशी के लिए काम करेंगे तो खुशी नहीं मिलेगी, लेकिन खुश होकर काम करेंगे तो खुशी के साथ सफलता भी मिलेगी। परीक्षा नियंत्रक डॉ. आशीष कुमार पचौरी ने विद्यार्थियों को पाठ्यक्रम के अनुरूप आयोजित सेमेस्टर व वार्षिक परीक्षाओं की जानकारी प्रदान की।
अकादमिक उपकुलसचिव डॉ. राजेंद्र चौधरी ने अकादमिक कैलेंडर के बारे में जानकारी देते हुए विद्यार्थियों को कक्षाओं के प्रारम्भ होने, आंतरिक मूल्यांकन परीक्षा, मुख्य परीक्षा, खेल कूद प्रतियोगिताओं, सांस्कृतिक कार्यक्रम के बारे में जानकारी प्रदान की। मानवीकि एवं सामाजिक विज्ञान के संकायाध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार तिवारी ने साहित्य एवं सांस्कृतिक गतिविधियों एवं विश्वविद्यालय से प्रकाशित मासिक पत्र शोध पत्रिकाओं के बारे में बताते हुए कहा कि विद्यार्थी लेखन, अभिनय, खेल कूद आदि गतिविधियों में भाग लें। इससे अवश्य ही उनका व्यक्तित्व निखरेगा।
एनएसएस अधिकारी डॉ. महेश अहिरवार ने कहा कि विद्यार्थी एनएसएस में प्रवेश लें और इस माध्यम से सामाजिक जागरूक कार्यक्रम में प्रतिभाग कर समाज सेवा करें और राष्ट्र के विकास में अपना योगदान दें। प्लेसमेंट सेल के संयोजक धीरेंद्र भारती ने विद्यार्थियों को इस सेल के सतत् प्रयासों एवं विभिन्न प्रकार के कैम्पस के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन संयुक्त रूप से विधि विभाग के सहा. प्राध्यापक माधव शरण पाठक एवं प्रबंध विभाग की सहा. प्राध्यापक सुमेधा राय ने व्यक्त किया। आभार मानव संसाधन प्रमुख डॉ. शिवेंद्र सिंह परमार ने व्यक्त किया।