घुवारा। घुवारा के रामटौरिया क्षेत्र में बीते तीन दिनों से एक भालू के विचरण से ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है। रविवार को तब हड़कंप मच गया जब ग्राम गुल्लनखेरा के पास स्थित गन्ने के खेत में भालू दिखाई दिया। ग्रामीणों ने तुरंत इसकी सूचना वन विभाग को दी, जिसके बाद बड़ामलहरा वन परिक्षेत्र की टीम मौके पर पहुंची और क्षेत्र में निगरानी शुरू कर दी है।
तालाब तक पहुंचा प्यासा भालूजानकारी के अनुसार, भालू रामटौरिया और चिरौला छुल्ला की सीमा पर बसे गांव गुल्लनखेरा में एक गन्ने के खेत में दिखाई दिया। बताया जा रहा है कि भालू जंगल में जलस्रोत और आहार की कमी के चलते भटकता हुआ बस्ती के पास पहुंचा और प्यास बुझाने के लिए गांव के निकट स्थित तालाब तक भी गया। ग्रामीणों ने बताया कि भालू लगातार तीन दिन से क्षेत्र में देखा जा रहा है जिससे ग्रामीण घरों से बाहर निकलने से डर रहे हैं।
हमले की घटना से मचा हड़कंप
ग्रामीणों के अनुसार, कुछ दिन पहले भालू ने ग्राम निवासी 64 वर्षीय कन्हैया आदिवासी पर हमला कर दिया था। हमले में कन्हैया गंभीर रूप से घायल हो गए हैं और उन्हें तत्काल इलाज के लिए ग्वालियर अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस घटना के बाद लोगों में डर और गुस्सा दोनों व्याप्त है।
वन विभाग की सतर्कता, लेकिन कार्रवाई पर उठे सवाल
भालू की खबर मिलते ही बड़ामलहरा वन परिक्षेत्र की टीम मौके पर पहुंची और ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी। वनकर्मियों का कहना है कि भालू अभी जंगल से भटककर आया है और यदि कोई उसे उकसाए नहीं तो वह स्वेच्छा से जंगल लौट सकता है। टीम ने भालू की प्रत्यक्ष निगरानी भी की है।हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग की कार्रवाई सिर्फ आश्वासनों तक सीमित है। ग्रामीणों का आरोप है कि भालू को पकडऩे के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं, जिससे गांव के लोगों की सुरक्षा खतरे में है।
मानव-वन्यजीव टकराव की बढ़ती घटनाएं
यह घटना एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करती है कि जंगलों में जल और आहार की व्यवस्था सुधारना अब नितांत आवश्यक हो गया है। लगातार हो रही मानव और वन्यजीव टकराव की घटनाएं इस बात की चेतावनी दे रही हैं कि यदि समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए तो स्थिति और भयावह हो सकती है।
ग्रामीणों की मांग
ग्रामीणों ने प्रशासन और वन विभाग से मांग की है कि क्षेत्र में भालू की बढ़ती गतिविधियों को देखते हुए जल्द से जल्द उसे सुरक्षित पकड़कर जंगल में छोड़ा जाए और साथ ही क्षेत्र में गश्त बढ़ाई जाए ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।