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भोजपुरा ग्राम में फर्जी बिलों से लाखों की राशि का घोटाला



बिना त्रस्ञ्ज और रजिस्टर्ड फर्म के लगते रहे बिल, अफसरों की मिलीभगत उजागर
छतरपुर। जिले की जनपद पंचायत बड़ामलहरा की ग्राम पंचायत भोजपुरा में एक बड़ा घोटाला सामने आया है। सरपंच राजकुमारी लखनलाल अहिरवार एवं सचिव अभिषेक जैन पर आरोप है कि उन्होंने बिना जीएसटी नंबर और रजिस्टर्ड फर्म के फर्जी बिलों के आधार पर पंचायत से लाखों रुपये की राशि का आहरण किया।
बाउंड्रीवॉल, चबूतरा और ई-कक्ष निर्माण कार्यों में भारी धांधली की गई है। बिलों के फर्जीवाड़े में सिर्फ सरपंच और सचिव ही नहीं, बल्कि जनपद पंचायत बड़ामलहरा के अधिकारी और कर्मचारी भी संलिप्त हैं। यह मिलीजुली साजिश शासन की राशि को हड़पने के लिए रची गई है।
व्यापारी दे रहे हैं फर्जी बिल
बड़ामलहरा क्षेत्र के गल्ला, बर्तन और सीमेंट दुकानदार अब रेत और गिट्टी के फर्जी बिल बनाकर पंचायतों को सप्लाई दिखा रहे हैं, जबकि क्षेत्र में कोई रजिस्टर्ड रेत खदान नहीं है। ऐसे में सवाल उठता है कि जब रेत बाहर से मंगाई जा रही है, तो संबंधित दुकानदारों के पास ई-रॉयल्टी, माल की आवक-जावक और लाभ की जानकारी क्यों नहीं है?
फर्जी फर्म सिंघई ट्रेडर्स का खुलासा
बड़ामलहरा वार्ड नंबर 11 निवासी जीतेन्द्र जैन के नाम पर सिंघई ट्रेडर्स नामक फर्जी फर्म बनाई गई, जिसका कोई रजिस्ट्रेशन, जीएसटी नंबर या टिन नंबर नहीं है। आरोप है कि यह दुकानदार 10त्न कमीशन पर फर्जी बिल छापकर पंचायतों में लगा रहा है, और यह खेल सिर्फ भोजपुरा ही नहीं बल्कि लगभग 79 ग्राम पंचायतों में चल रहा है।
अधिकारियों की भूमिका पर सवाल
जब मीडिया तक यह फर्जीवाड़ा पहुंच चुका है, तो प्रशासनिक अधिकारियों की आंखों के सामने यह सब क्यों नहीं दिख रहा? जानबूझकर अनदेखी कर रहे अधिकारियों की भूमिका भी अब संदेह के घेरे में है।
इनका कहना-
आपके माध्यम से जानकारी मिली है कि भोजपुरा ग्राम पंचायत में फर्जी बिलों का उपयोग किया गया है। फर्म की जांच कराई जाएगी। साथ ही जिला पंचायत सीईओ से बात कर ग्राम पंचायत की जांच शुरू कराई जाएगी। दोषियों पर जाँच उपरांत कार्रवाई की जाएगी।
पार्थ जैसवाल, कलेक्टर, छतरपुर

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