नौगांव। शहर के वृद्ध उद्धव लाल जोशी बीते दिनों अपनी पत्नी का इलाज कराने जिला अस्पताल गए थे। अस्पताल मे पत्नी का इलाज कराने गए वृद्ध जोशी के साथ ड्यूटी डाक्टर राजेश मिश्रा ने मारपीट करते हुए अस्पताल के बाहर फिंकवा दिया। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो वायरल होने के बाद कलेक्टर ने मामले को संज्ञान में लिया। कलेक्टर पार्थ जैसवाल के प्रतिवेदन पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन संचालक सलोनी सिडाना ने आरोपी डॉक्टर राजेश मिश्रा को कारण बताओं नोटिस जारी किया है।डॉ. मिश्रा को 24 घंटे के भीतर लिखित स्पष्टीकरण देने को कहा गया है। जवाब न मिलने की स्थिति में एकतरफा कार्रवाई करते हुए उनकी संविदा सेवा समाप्त की जा सकती है। तो वहीं इस मामले में नौगांव पुलिस ने भी आरोपी डॉक्टर मिश्रा सहित एक अन्य के खिलाफ मारपीट करने सहित विभिन्न धाराओं में जीरो पर मुकदमा दर्ज किया है।
जिला चिकित्सालय में पदस्थ संविदा अस्थिरोग विशेषज्ञ डॉ. राजेश मिश्रा बीती रात सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो से भारी विवादों में घिरे हुए हैं।
एक बुजुर्ग मरीज से कथित मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। अब यह मामला सिर्फ वीडियो तक सीमित नहीं रहा, बल्कि डॉ. मिश्रा के खिलाफ FIR दर्ज हो गई है और संविदा सेवा समाप्त करने की कार्रवाई की तैयारी भी शुरू हो चुकी है।
कलेक्टर के प्रतिवेदन पर हुई कार्यवाही
17 अप्रैल 2025 को वायरल हुए वीडियो में डॉ.राजेश मिश्रा द्वारा जिला चिकित्सालय परिसर में बुजुर्ग व्यक्ति से कथित रूप से दुर्व्यवहार और मारपीट करते हुए देखा गया। इस वीडियो को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने संज्ञान लेते हुए पूरे घटनाक्रम का प्रतिवेदन राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, भोपाल को भेजा। इसके आधार पर मिशन संचालक डॉ. सलोनी सिडाना ने 20 अप्रैल को डॉ. मिश्रा को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
मिशन संचालक ने डॉक्टर को भेजा कारण बताओ नोटिस
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, भोपाल की संचालक डॉ. सलौनी सिडाना ने डॉ. मिश्रा को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 24 घंटे में जवाब देने को कहा है। पत्र में उल्लेख किया गया है कि डॉक्टर का आचरण "राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा मानव संसाधन मैनुअल 2025" के प्रावधानों के प्रतिकूल है और इससे मिशन की छवि धूमिल हुई है। समयसीमा में जवाब न मिलने पर संविदा सेवा समाप्त करने की चेतावनी दी गई है।
24 घंटे में जवाब नहीं देने पर संविदा सेवा समाप्त
जारी नोटिस में कहा गया है कि उक्त आचरण मानव संसाधन मैनुअल के प्रावधानों का उल्लंघन है, जो एक संविदा चिकित्सक के लिए अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है। डॉ. मिश्रा को 24 घंटे के भीतर लिखित स्पष्टीकरण देने को कहा गया है। जवाब न मिलने की स्थिति में एकतरफा कार्यवाही करते हुए उनकी संविदा सेवा समाप्त की जा सकती है। छतरपुर कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने वायरल वीडियो और मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला चिकित्सालय में पदस्थ संविदा अस्थिरोग विशेषज्ञ डॉ. राजेश मिश्रा के विरुद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रस्ताव राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन संचालक डॉ. सलौनी सिडाना को भेजा है। वहीं, घटना में शामिल रेडक्रॉस कर्मचारी राजेंद्र खरे को हटाए जाने की कार्रवाई भी प्रस्तावित की गई है।
कलेक्टर ने जांच टीम बनाई, सिविल सर्जन को भी भेजा शोकॉज
घटना के तत्काल बाद कलेक्टर ने एसडीएम छतरपुर की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति गठित कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। जांच में डॉक्टर एवं रेडक्रॉस कर्मचारी द्वारा बुजुर्ग दंपत्ति से अभद्रता और मारपीट की पुष्टि हुई। वहीं, जांच में लापरवाही बरतने पर सिविल सर्जन डॉ. जी.एल. अहिरवार को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, जिसमें पूछा गया है कि समय रहते रिपोर्ट क्यों नहीं भेजी गई।
FIR में नामजद, गंभीर धाराओं में मामला दर्ज
इधर, पीड़ित बुजुर्ग द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर नौगांव पुलिस ने डॉ. राजेश मिश्रा एवं एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है। 77 साल के बुजुर्ग के साथ मारपीट करने वाले डॉक्टर पर एफआईआर दर्ज, डॉ राजेश मिश्रा पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 115(2), 296,3(5), 351(3) दर्ज, नौगांव थाने में जीरो पर मारपीट का मामला दर्ज किया है। इस प्राथमिकी में भारतीय दंड संहिता की मारपीट, धमकी, गाली-गलौज जैसी गंभीर धाराएँ लगाई गई हैं। पुलिस द्वारा मामले की विवेचना की जा रही है।
बुजुर्ग दंपत्ति के साथ क्या हुआ था?
17 अप्रैल 2025 को नौगांव निवासी वृद्ध श्री उद्धव लाल जोशी अपनी पत्नी का इलाज कराने जिला चिकित्सालय पहुंचे थे। इसी दौरान कथित रूप से डॉक्टर और अस्पताल स्टाफ ने उनके साथ मारपीट और दुर्व्यवहार किया। यह घटना अस्पताल परिसर में लगे सीसीटीवी और मोबाइल कैमरे में कैद हो गई और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया।
अब सभी की निगाहें अगली कार्रवाई पर
इस पूरे प्रकरण ने न केवल स्वास्थ्य विभाग को कटघरे में खड़ा किया है, बल्कि जिला प्रशासन की त्वरित कार्यवाही ने मामले की गंभीरता को भी उजागर कर दिया है। अब देखना यह होगा कि डॉ. राजेश मिश्रा और अन्य संबंधित अधिकारी अपने बचाव में क्या स्पष्टीकरण देते हैं और स्वास्थ्य मिशन की ओर से अगला कदम क्या होता है।