गौरिहार। मामला गौरिहार अनुभाग अंतर्गत ग्राम पहरा में मध्यांचल ग्रामीण बैंक का है जहां पहरा ग्राम के किसानों ने शाखा प्रबंधक पर केसीसी में 10 से 15 प्रतिशत कमीशन लेने के आरोप लगाए हैं किसानों ने बताया की बिना कमीशन के शाखा में केसीसी नहीं किया जा रहा है साथ ही ग्रामीणों ने बताया की पहरा ग्रामीण बैंक के अंतर्गत आने वाले ग्रामों में दलाल एक्टिव हैं अगर बिना कमीशन काम करवाया जाए तो काम नहीं किया जाता है। किसान कि पत्नी हीरामनी गुप्ता का आरोप है कि पहरा में स्थित मध्यांचल ग्रामीण बैंक के शाखा प्रबंधक अंशुमान तिवारी के दलालों द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने के एवज में 10 से 15 प्रतिशत कमीशन मांगी जाती है।घूस न देने से मना करने पर मुंह में उंगली रखकर चुप का इशारा करते हुए बैंक से भगा दिया जाता है। किसान उमेश गुप्ता ने बताया सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद मैनेजर नहीं बना रहे किसान क्रेडिट कार्ड दलालों की ओर इशारा करते हुए कहते है कि उनसे बात कर लो और बताया कि पांच बार सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत लेकिन बिना कोई कारण बताए शिकायत काट दी गई। सूत्रों की मानें तो पैसों की जरुरत के लिए किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने के बैंक से सम्पर्क करता है कि कम ब्याज में लोन के चक्कर कमीशन की मार झेलता है एक य दो नहीं ऐसे अनगिनत मामले है चाहे किसान क्रेडिट कार्ड का हो या फिर महिलाओं के समूह लोन हो बिना कमीशन के लोन पास नहीं होना।
ग्रामीणों ने शाखा प्रबंधक पर कमीशन मांगने के लगाए आरोप
May 09, 2024
गौरिहार। मामला गौरिहार अनुभाग अंतर्गत ग्राम पहरा में मध्यांचल ग्रामीण बैंक का है जहां पहरा ग्राम के किसानों ने शाखा प्रबंधक पर केसीसी में 10 से 15 प्रतिशत कमीशन लेने के आरोप लगाए हैं किसानों ने बताया की बिना कमीशन के शाखा में केसीसी नहीं किया जा रहा है साथ ही ग्रामीणों ने बताया की पहरा ग्रामीण बैंक के अंतर्गत आने वाले ग्रामों में दलाल एक्टिव हैं अगर बिना कमीशन काम करवाया जाए तो काम नहीं किया जाता है। किसान कि पत्नी हीरामनी गुप्ता का आरोप है कि पहरा में स्थित मध्यांचल ग्रामीण बैंक के शाखा प्रबंधक अंशुमान तिवारी के दलालों द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने के एवज में 10 से 15 प्रतिशत कमीशन मांगी जाती है।घूस न देने से मना करने पर मुंह में उंगली रखकर चुप का इशारा करते हुए बैंक से भगा दिया जाता है। किसान उमेश गुप्ता ने बताया सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद मैनेजर नहीं बना रहे किसान क्रेडिट कार्ड दलालों की ओर इशारा करते हुए कहते है कि उनसे बात कर लो और बताया कि पांच बार सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत लेकिन बिना कोई कारण बताए शिकायत काट दी गई। सूत्रों की मानें तो पैसों की जरुरत के लिए किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने के बैंक से सम्पर्क करता है कि कम ब्याज में लोन के चक्कर कमीशन की मार झेलता है एक य दो नहीं ऐसे अनगिनत मामले है चाहे किसान क्रेडिट कार्ड का हो या फिर महिलाओं के समूह लोन हो बिना कमीशन के लोन पास नहीं होना।