शिवराज ने 2022 तक की सभी कॉलोनियां वैध की थी
मप्र में 8500 से ज्यादा अवैध कालोनियों की सूची बनी थी
6000 कॉलोनियां वैध करने का दावा है पूर्व सरकार का
वैध की गई कॉलोनियों में भी सिर्फ नक्शे पास की कार्यवाही
नया कानून... अवैध कॉलोनी नहीं होंगी वैध, काटने वालों पर लगेगा एनएसए
जिस इलाके में अवैध कॉलोनी कटी वहां के तहसीलदार और जोनल अफसर से लेकर पटवारी भी होंगे जिम्मेदार अमित मंडलोई
इंदौर/भोपाल।पिछली सरकार में अवैध कॉलोनियों को वैध करने की घोषणा करने वाली भाजपा अब इस मसले का नए सिरे से निराकरण करने की तैयारी कर रही है। इन्हें वैध करने के बजाय नया कानून लाकर संबंधित कॉलोनाइजर पर रासुका लगाई जाएगी। कार्रवाई सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं रहेगी। जिस इलाके में अवैध कॉलोनी बनेगी, वहां के तहसीलदार और नगर निगम के जोनल अफसर से लेकर पटवारी तक पर सीधे कार्रवाई होगी। नए कानून का मसौदा तैयार करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। नगरीय प्रशासन मंत्रालय के प्रमुख सचिव को ही इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है।
राजधानी भोपाल में सरकारी रिकॉर्ड में अवैध कॉलोनियों की संख्या 576 थी। भाजपा सरकार ने 2016 के पहले बनी अवैध कॉलोनियों को वैध करने की घोषणा की थी। इसके तहत 320 कॉलोनियों को वैध कर दिया गया। पिछले साल शिवराज सरकार ने 31 दिसंबर 2022 तक बनी सभी अवैध कॉलोनियों को वैध करने की घोषणा की थी, लेकिन यह आदेश अमल में नहीं आ पाया। ऐसे में 256 कॉलोनियों पर एफआईआर हो चुकी है। राजधानी के कई पॉश इलाके ऐसे हैं, जिनके बगल में बस्तियों जैसी अवैध बसाहट हैं। इनमें से ज्यादातर में बिजली, पानी, सड़क और ड्रेनेज जैसी मूलभूत सुविधाएं भी नहीं हैं। इन कॉलोनियों में ज्यादातर ऐसी हैं, जिनमें लोग सस्ते प्लॉट के चक्कर में ठगे गए हैं।
नए कानून की बड़ी वजह: वैध करने में भी घपला
जहां खाली जमीन थी, वह भी वैध करने की लिस्ट में... यानी वहां अवैध कॉलोनी की एडवांस बुकिंग
मई 2023 में वैध की गई भोपाल 238 अवैध कॉलोनियों में नीलगिरी कॉलोनी भी शामिल है। उस समय ये खाली जमीन थी। यहां बिल्डर ने प्लॉटिंग के लिए 12 फीट चौड़े नाले को 4 फीट का कर दिया। वर्तमान में यहां बिजली के पोल और ट्रांसफार्मर का काम हो गया है, जिसके आधार पर जमीनों की बिक्री जारी है। इसी तरह बिना घर बने वैध हो चुकी कई कालोनियों में काम तेज हो गया है।
कानून का मसौदा तैयार करा रहे पीएस : मंत्री
अवैध कॉलोनी के निर्माण के ज्यादातर मामलों में निचले स्तर के अधिकारी-कर्मचारी भी शामिल होते हैं। इसलिए नए कानून में कॉलोनाइजर ही नहीं उस क्षेत्र के अधिकारी-कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी। प्रमुख सचिव को मसौदा तैयार करने के लिए कह दिया गया है। - कैलाश विजयवर्गीय, नगरीय प्रशासन मंत्री
मौजूदा व्यवस्था पर्याप्त नहीं : पीएस
मौजूदा व्यवस्था में अवैध कॉलोनाइजर पर प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पाती है। उस पर एफआईआर के निर्देश हैं, लेकिन ज्यादातर मामलों में पुलिस चिट्ठी देकर छोड़ देती है। नए कानून पर चर्चा हुई है। मंत्री ने इसके निर्देश दिए हैं, हम लोग जल्द काम शुरू करेंगे। -नीरज मंडलोई, प्रमुख सचिव, नगरीय प्रशासन विभाग