ठाकुर जी का गुण स्वभाव ही श्रीमद् भागवत कथा है: इन्द्रेश जी महाराज
बागेश्वर धाम में 7 दिनों तक बहेगी कथा की रसधारा
छतरपुर। संतों की तपोभूमि बागेश्वर धाम में कलश यात्रा के साथ शुक्रवार से श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह यज्ञ प्रारंभ हो गया। कथा व्यास के रूप में वृंदावन से आए प्रख्यात कथावाचक पं. इन्द्रेश उपाध्याय जी महाराज कथा श्रवण करा रहे हैं। मंगलाचरण से कथा को प्रारंभ करते हुए कथाव्यास ने रामजी के मंगल चरित्र का प्रसंग सुनाया। उन्होंने कहा कि पृथ्वी में रहने का सबका कोई न कोई औचित्य है लेकिन कथा सुनकर मन मस्तिष्क में ठाकुर जी का भाव प्रकट हो तो जीवन सार्थक हो जाता है। श्रीमद् भागवत कथा ठाकुर जी के गुण और स्वभाव का स्वरूप है। अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पं. संजीवकृष्ण ठाकुर एवं सुदामा कुटी के संत स्वामी सुतीक्ष्ण दास महाराज ने भी अपने आशीर्वचन दिए।
बागेश्वर धाम के कथा मंच से कथाव्यास इन्द्रेश उपाध्याय जी ने कहा कि हनुमान से मित्रता की सीख लें। लोग धन, यश, वैभव को देखकर मित्र बनाते हैं लेकिन हनुमान जी रामनाम से प्रेम रखने वाले से मित्रता करते हैं। उन्होंने कहा कि स्वरूप बदल सकता है लेकिन रूप में बदलाव नहीं आता। ठाकुर जी के तीन रूप हैं और वह हैं सत्य, चैतन्य और आनंद। राज्यमंत्री दिलीप अहिरवार ने भी कथा में शामिल होकर महाराजश्री का आशीर्वाद लेते हुए पुण्य लाभ कमाया।
पौने तीन सौ करोड़ लोगों में पनप रही हिन्दू राष्ट्र की परिभावना: पं. कृष्णचन्द्र ठाकुर-
श्री भागवत भास्कर पं. कृष्णचन्द्र ठाकुर बुन्देलखण्ड के पंचम विवाह महोत्सव में शामिल हुए। पिछले 50 वर्षों से कथा का रसपान करा रहे कृष्णचन्द्र ठाकुर ने कहा कि विश्व में करीब पौने तीन सौ करोड़ हिन्दू हैं जो हिन्दू राष्ट्र की परिभावना व्यक्त कर रहे हैं। सनातन को मानने वाले एवं जैन, बौद्ध, सिख आदि धर्मावलंबी भी हिन्दू हैं। वैधानिक भले ही न हों लेकिन आध्यात्मिक रूप से भारत हिन्दू राष्ट्र है।
संतों की उदारता से सबको मिल रहे दर्शन: बागेश्वर महाराज
कथा प्रारंभ होने के पहले बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने सभी संतों को प्रणाम करते हुए कहा कि यह संतों और मनीषियों की उदारता है जो यहां हम सबको दर्शन दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी कथाप्रेमी आनंदपूर्वक कथा सागर में गोता लगाएं।
शहीदों के परिवार हुए शामिल, महाराजश्री ने किया सम्मानित-
बागेश्वर धाम में 108 कुण्डीय अतिविष्णु महायज्ञ हो रहा है। यह यज्ञ देश के अमर जवान शहीदों को समर्पित है। पहले दिन आए शहीदों के परिवारजनों को आरती में शामिल कराकर महाराजश्री ने उन्हें सम्मानित किया। शहीद मेजर उदय सिंह के पिता कर्नल कमलकिशोर सिंह आए हैं, वहीं शहीद चरण सिंह की पत्नि संध्या सिंह और मां मुन्नीबाई सम्मानित हुईं। स्व. बेनीप्रसाद माधव की पत्नि साधना सिंह, पुत्रवधू रचना सिंह, पुत्र उदयप्रताप सिंह सम्मानित हुए। बागेश्वर महाराज ने कहा कि दुश्मनों के छक्के छुड़ाने वाले वीर सपूतों को शत-शत नमन है।
भारत अपने स्वर्णकाल की यात्रा कर रहा: पं. श्यामसुंदर पाराशर-
अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक डॉ. श्याम सुंदर पाराशर कथा महोत्सव के पहले दिन बागेश्वर धाम पधारे। उन्होंने अपने आशीर्वचन में कहा कि आध्यात्म, कला, राष्ट्र भक्ति की जिस तरह से उत्तर उत्तरोत्तर उन्नति हो रही है उसको देखकर यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि भारत फिर से स्वर्णकाल की ओर जा रहा है। उन्होंने कहा कि बागेश्वर पीठाधीश्वर अनंत शक्तियों से समृद्ध हैं फिर भी उनमें विनम्रता और सौम्यता है, यही गुण श्रेष्ठ बनाता है।
बागेश्वर धाम में 108 कुण्डीय अतिविष्णु महायज्ञ हो रहा है। यह यज्ञ देश के अमर जवान शहीदों को समर्पित है। पहले दिन आए शहीदों के परिवारजनों को आरती में शामिल कराकर महाराजश्री ने उन्हें सम्मानित किया। शहीद मेजर उदय सिंह के पिता कर्नल कमलकिशोर सिंह आए हैं, वहीं शहीद चरण सिंह की पत्नि संध्या सिंह और मां मुन्नीबाई सम्मानित हुईं। स्व. बेनीप्रसाद माधव की पत्नि साधना सिंह, पुत्रवधू रचना सिंह, पुत्र उदयप्रताप सिंह सम्मानित हुए। बागेश्वर महाराज ने कहा कि दुश्मनों के छक्के छुड़ाने वाले वीर सपूतों को शत-शत नमन है।
भारत अपने स्वर्णकाल की यात्रा कर रहा: पं. श्यामसुंदर पाराशर-
अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक डॉ. श्याम सुंदर पाराशर कथा महोत्सव के पहले दिन बागेश्वर धाम पधारे। उन्होंने अपने आशीर्वचन में कहा कि आध्यात्म, कला, राष्ट्र भक्ति की जिस तरह से उत्तर उत्तरोत्तर उन्नति हो रही है उसको देखकर यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि भारत फिर से स्वर्णकाल की ओर जा रहा है। उन्होंने कहा कि बागेश्वर पीठाधीश्वर अनंत शक्तियों से समृद्ध हैं फिर भी उनमें विनम्रता और सौम्यता है, यही गुण श्रेष्ठ बनाता है।