छतरपुर। बड़े स्तर पर सक्रिय रेत कारोबारी इन दिनों बगौता पंचायत को अपना अड्डा बनाए हुए है मिट्टी युक्त रेत होने के कारण इसे टैक्टर-ट्राली में भरकर तालाब लाया जाता है। जहां रेत कारोबारियों के द्वारा इसे धोने के पुख्ता इंतजाम किए गए है। जिसके लिए तालाब के पास लगे खंभें से चोरी से लाइट लेकर से मोटर पंप तालाब में रखे गए है। जिनका उपयोग रेत को धोने में किया जा रहा है। जिसमें खनिज संपदा और पुराने जलाशय को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। एक ओर जिला प्रशासन विशेष अभियान चलाकर जिले भर में जलाशयों को सहेजनें कार्य कर रहा है। वहीं दूसरी ओर जिला मुख्यालय के पास स्थित इस जलाशय का संरक्षण करने के प्रति पंचायत और प्रशासनिक अधिकारी रूचि नहीं ले रहे है।
गांव में रेत धोने से गंदगी कीचड़ फैल रहा है और तालाब को हो रहा नुकसान-
बगौता में स्थित यह तालाब बड़ा जलाशय है जहां से पूरी पंचायत के लिए पेयजल पानी की सफ्लाई की जाती है। रेत धुलने के बाद निकलने वाला मलबा सीधे तालाब में पहुंच रहा है। जिससे भराव क्षेत्र में पुराई हो रही है।
बिजली विभाग भी अनभिज्ञ-
बगौता पंचायत में तालाब में पंप रेत कारोबारियों के द्वारा रखे गए है जिसके लिए अवैध तरीके से विद्युत का उपयोग किया जा रहा है और विद्युत विभाग को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। वैसे तो विद्युत कर्मचारी बकायादारों से वसूली करने के लिए आए दिन पंचायत में लोगों के घरों के कनेक्शन काटने के लिए आते है। लेकिन इन रेत कारोबारियों पर वह कार्रवाई करने से पीछे हट रहे है।
रेत माफिया के खिलाफ कार्रवाई के लिए खनिज अधिकारी से शिकायत की जाती है तो खनिज अधिकारी इन रेत माफिया को कुछ समय के लिए काम बंद करने को बोल देते हैं इन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती।