अपर कलेक्टर नमः शिवाय अरजरिया ने ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि धार्मिक स्थलों एवं अन्य स्थलों पर लाउडस्पीकर, डीजे निर्धारित डेसीबल से अधिक पर उपयोग नहीं किया जाये। विभिन्न क्षेत्रों के लिए अलग-अलग ध्वनि विस्तारक यंत्रों की डेसीबल (अधिकतम अनुमत्य ध्वनि सीमा) निर्धारित की गई है। जिसमें औद्यौगिक क्षेत्र के लिए दिन में 75 डेसीबल और रात्रि में 70 डेसीबल, व्यापारिक क्षेत्र में दिन 65 और रात्रि में 55 डेसीबल, आवसीय क्षेत्र में दिन में 55 और रात्रि में 45, सायलेंस जोन में दिन 50 और रात्रि 40 डेसीबल पर ही यंत्रों का उपयोग किया जा सकेगा।
उन्होंने बताया कि निर्धारित डेसीबल से अधिक उपयोग की ध्वनि वितस्तारक यंत्रों के उपयोग के जांच लिए समिति एवं उड़नदस्ता गठित किये गये है। जिसमें प्रशासन, पुलिस और प्रदूषण विभाग के अधिकारी को शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि जुलूस, रैली आदि में ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग के लिए प्राधिकृत अधिकारी से अनुमति लेनी होगी। उन्होंने बताया कि किसी भी धार्मिक स्थल के मुख्य द्वार के सामने 100 मीटर की दूरी के भीतर मांस व मछली का विक्रय या प्रदर्शन प्रतिबंधित है।
पुलिस अधीक्षक अमित सांघी ने कहा कि यह अच्छी पहल होगी अपने स्तर से ही लोग ध्वनि विस्तारक यंत्रों का निर्धारित सीमा के तहत उपयोग करें। धार्मिक स्थलों व अन्य स्थानों पर ध्वनि विस्तारक यंत्रों का अनियंत्रित उपयोग न करें। इसी तरह बिना लायसेंस के और खुले में मांस और मछली विक्रय न करने के संबंध राज्य शासन के निर्देशों का पालन करें।