ग्वालियर। भाजपा कार्यकर्ता पिछले पौने चार साल से मेला प्राधिकरण में नियुक्तियों का इंतजार कर रहे हैं। इस अवधि में मेला अधिकारियों के हवाले रहा था। इस साल भी मेला लगाने की जिम्मेदारी अधिकारियों की है। कई बार इन राजनीतिक नियुक्तियों की शीर्ष स्तर पर सूची कागजों पर बनी और फट भी गई। फिलहाल मेले में एक ही आकर्षण रह गया है वाहनों की खरीद पर रोड टैक्स में 50 प्रतिशत की छूट। प्रदेश में भाजपा सरकार बनने से इस बार भी छूट मिलने की उम्मीद है। प्रदेश में 2018 में कांग्रेस की सरकार बनी। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के दवाब में आनन-फानन में मेला प्राधिकरण के अध्यक्ष के रूप में प्रशांत गंगवाल व उपाध्यक्ष के पद पर प्रवीण अग्रवाल की नियुक्ति हुई। अध्यक्ष और उपाध्यक्ष मेला का आकर्षण बरकरार रखने के लिए कुछ प्रयोग करते, उससे पहले ही कांग्रेस की सरकार गिर गई।
मेले में पक्की 1500 दुकानों के अतिरिक्त अन्य दुकानों के लिए आवंटन की प्रक्रिया मेला प्राधिकरण शुक्रवार से शुरू करेगा। गुरुवार को एक दर्जन से अधिक दुकानदारों ने पहुंचकर आवेदन लिए। मेला प्राधिकरण सचिव निरंजन श्रीवास्वत का कहना है कि तैयारियां तेज कर दी गई हैं। जल्द ही मेले को व्यवस्थित कर लिया जाएगा। दुकानदारों को किसी तरह की परेशानी नहीं आने दी जाएगी। श्रीवास्तव ने बताया कि बाहरी दुकानदार मेले में आना शुरू हो गए हैं।