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वेतन न मिलने पर आत्महत्या का प्रयास: रीवा घटना का सारांश

 


मध्य प्रदेश के रीवा स्थित संजय गांधी अस्पताल में शनिवार शाम को एक चौंकाने वाली घटना सामने आई, जहाँ राहुल सोंधिया नामक एक वार्ड बॉय ने एक महीने की रुकी हुई सैलरी न मिलने के कारण आत्मघाती कदम उठाने का प्रयास किया।

घटना का विवरण:

वार्ड बॉय राहुल सोंधिया ने अस्पताल परिसर में सबके सामने खुद पर पेट्रोल डालकर आत्महत्या करने की कोशिश की, चिल्लाते हुए उसने तत्काल अपनी सैलरी देने की मांग की। उसका यह हाई-वोल्टेज ड्रामा करीब पाँच मिनट तक चला, जिससे अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई। हालाँकि, समय रहते दो सुरक्षा गार्डों ने तत्परता दिखाते हुए उस पर छलांग लगाई और उसे काबू में कर लिया, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया।

आरोप और प्रबंधन का पक्ष:

  • वार्ड बॉय का आरोप: राहुल सोंधिया एजाइल कंपनी के माध्यम से अस्पताल में कार्यरत हैं। उनका आरोप था कि अक्टूबर माह की सैलरी जानबूझकर रोक ली गई, जबकि अन्य कर्मचारियों को वेतन मिल चुका था। बार-बार शिकायत के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हुई, जिससे मानसिक तनाव में आकर उन्होंने यह कदम उठाया।

  • तत्काल कार्रवाई: हंगामे के तुरंत बाद, कंपनी मैनेजर ने हस्तक्षेप किया और राहुल की बकाया सैलरी उसके खाते में ट्रांसफर कर दी गई।

  • अस्पताल अधीक्षक का पक्ष: अस्पताल अधीक्षक राहुल मिश्रा ने इस आरोप का खंडन किया कि सैलरी रोकी गई थी। उन्होंने दावा किया कि वेतन न आने का कारण "बैंक की तकनीकी वजह" हो सकती है, लेकिन उन्होंने इस तरह के चरम कदम को गलत बताया।

विश्लेषण के बिंदु:

यह घटना दर्शाती है कि वेतन में देरी, भले ही उसका कारण कुछ भी हो, कर्मचारियों पर कितना गहरा मानसिक और भावनात्मक दबाव डाल सकती है। अस्पताल प्रशासन और आउटसोर्सिंग कंपनी (एजाइल) के बीच समन्वय और संचार की कमी पर भी सवाल खड़े होते हैं, जिसके कारण एक कर्मचारी को इतना गंभीर कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा। घटना के तुरंत बाद सैलरी का भुगतान होना यह भी दर्शाता है कि कंपनी के पास भुगतान करने की क्षमता थी, लेकिन तनाव बढ़ने तक कार्रवाई नहीं की गई।

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