IAS संतोष वर्मा की कथित अभद्र टिप्पणी पर भड़का ब्राह्मण समाज: परशुराम सेना ने चप्पलों से पुतला पीटकर किया दहन, राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन।
एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी द्वारा कथित तौर पर की गई अभद्र टिप्पणी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। IAS अधिकारी संतोष वर्मा द्वारा बेटियों को लेकर की गई कथित टिप्पणी से नाराज ब्राह्मण समाज ने आज उग्र प्रदर्शन किया। परशुराम सेना के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने न केवल जमकर नारेबाजी की, बल्कि अधिकारी के पुतले को चप्पलों से पीटकर अपना रोष व्यक्त किया।
चप्पलों से पीटकर किया पुतला दहन
विरोध प्रदर्शन के दौरान परशुराम सेना के कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश देखा गया। संगठन के सदस्यों ने मुख्य चौराहे पर एकत्रित होकर IAS संतोष वर्मा के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने संतोष वर्मा के पुतले को पहले चप्पलों से पीटा और बाद में उसे आग के हवाले कर दिया। इस दौरान "संतोष वर्मा मुर्दाबाद" और "प्रशासनिक मर्यादा का पालन करो" जैसे नारे गूंजते रहे।
राष्ट्रपति के नाम जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन
प्रदर्शन के उपरांत, परशुराम सेना के एक प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर महामहिम राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन के माध्यम से समाज ने अपनी आपत्ति और मांगें सर्वोच्च संवैधानिक पद तक पहुंचाने का प्रयास किया है।
क्या कहा संगठन ने?
परशुराम सेना के जिलाध्यक्ष गगन मिश्रा ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "एक वरिष्ठ IAS अधिकारी द्वारा बेटियों पर इस तरह की अभद्र टिप्पणी करना न सिर्फ प्रशासनिक सेवा नियमावली और मर्यादा के खिलाफ है, बल्कि यह पूरे ब्राह्मण समाज और मातृशक्ति की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंचाने वाला कृत्य है।"
उन्होंने आगे कहा कि एक जिम्मेदार पद पर बैठे व्यक्ति की ऐसी मानसिकता समाज के लिए घातक है। संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने इस पर कड़ा रुख नहीं अपनाया, तो आंदोलन और उग्र होगा।
प्रमुख मांगें
ज्ञापन के माध्यम से संगठन ने निम्नलिखित मांगें रखी हैं:
तत्काल निलंबन: IAS संतोष वर्मा को उनके पद से तत्काल प्रभाव से हटाया जाए।
विभागीय जांच: मामले की निष्पक्ष उच्चस्तरीय जांच हो।
सार्वजनिक माफी: अधिकारी अपने बयान पर सार्वजनिक रूप से माफी मांगें।
क्षेत्र में भारी रोष
इस घटना के बाद से पूरे क्षेत्र में ब्राह्मण समाज और अन्य सामाजिक संगठनों में भारी रोष व्याप्त है। सोशल मीडिया पर भी इस कथित टिप्पणी की कड़ी निंदा की जा रही है। प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है, लेकिन समाज का गुस्सा शांत होता नहीं दिख रहा है।
