नौगांव। जिला प्रशासन का जनसुनवाई कार्यक्रम, जो कि नागरिकों की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए संचालित है, इन दिनों जमीनी स्तर पर विफल साबित हो रहा है। प्रत्येक मंगलवार को जिला और तहसील स्तर पर आयोजित होने वाली जनसुनवाई में लोग अपनी शिकायतें लेकर पहुंचते हैं, लेकिन अधिकारियों की उदासीनता के चलते उनका निराकरण नहीं हो पा रहा है। जिले में ऐसे कई आवेदक हैं, जो वर्षों से जनसुनवाई के चक्कर काट रहे हैं, फिर भी उन्हें न्याय नहीं मिल रहा है।
महाराजपुर तहसील क्षेत्र के ग्राम खिरवा निवासी दुलीचंद अहिरवार ने बताया कि जमीन विवाद के मामले में फैसला उनके पक्ष में आ चुका है, लेकिन कब्जा अब तक नहीं मिला है। वर्ष 2022 से अब तक उन्होंने मुख्यमंत्री जनसुनवाई, कलेक्टर, तहसीलदार और एसडीएम को 300 से अधिक आवेदन दिए हैं लेकिन न्याय अभी भी लंबित है। इसी तरह ग्राम गर्रोली की रहने वाली पार्वती राजपूत ने बताया कि उनके घर के सामने सरकारी भूमि पर रास्ता था, जिस पर दबंगों ने कब्जा कर लिया है। परिवार को गाली-गलौज, मारपीट और जान से मारने की धमकी मिल रही है। उन्होंने कई बार जनसुनवाई में आवेदन दिया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। पार्वती ने कहा कि सुनवाई न होने के कारण उनके लिए अब घर से निकलना मुश्किल हो गया है। लंबित मामलों के संबंध में जब नौगांव एसडीएम बृजभान पटेल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि सभी समस्याओं का निराकरण समय पर किया जाता है। कुछ मामलों में कानूनी प्रक्रिया अधिक समय लेती है, लेकिन हम सभी शिकायतों पर गंभीरता से कार्रवाई करेंगे। सूत्रों की मानें तो नौगांव की जनसुनवाई में पहुंचने वाले लोग, अधिकारियों की बेरुखी से त्रस्त हैं। कई मामलों में आवेदन दर्ज होने के बावजूद कोई फॉलो-अप नहीं होता, जिससे शिकायतें जस की तस पड़ी रहती हैं।

