बक्स्वाहा। बकस्वाहा क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति बेहद चिंताजनक बनी हुई है। सरकार ने करोड़ों रुपये खर्च कर उप स्वास्थ्य केंद्रों के भवन तो तैयार कर दिए, लेकिन डॉक्टर और स्टाफ की नियुक्ति करना भूल गई। आलम यह है कि ब्लॉक के 16 उप स्वास्थ्य केंद्रों में से 6 केंद्र वर्षों से बंद पड़े हैं और उन पर ताले लटके हुए हैं। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि जब डॉक्टर और स्टाफ ही उपलब्ध नहीं हैं, तो स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार का सपना कैसे पूरा होगा?
ताजा मामला निमानी गांव का है। इस उप स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत लगभग 20 गांव आते हैं, जिनके लिए यह केंद्र खोला गया था। भवन निर्माण और सामग्री उपलब्ध कराए जाने के बावजूद यह केंद्र वर्षों से नहीं खुला। ग्रामीण कालीचरण, सियारानी और मिलन यादव बताते हैं कि यह केंद्र कई साल पहले खोला गया था, लेकिन उसके बाद न तो कोई स्टाफ आया और न ही लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मिलीं। बीमारी की स्थिति में ग्रामीणों को 15 किलोमीटर दूर बकस्वाहा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जाना पड़ता है। कई बार वाहन न मिलने पर मरीज की जान पर भी बन आती है। प्रसव के दौरान स्थिति और भी गंभीर हो जाती है, क्योंकि यहां न तो नर्स उपलब्ध होती है और न ही कोई अन्य स्वास्थ्यकर्मी। ग्रामीणों के अनुसार वे कई बार शिकायत दर्ज करा चुके हैं, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं हुआ।
अधिकारियों का कहना-
ब्लॉक में 6 ऐसे उप स्वास्थ्य केंद्र हैं, जहां बिल्कुल भी स्टाफ नहीं है। फिर भी इन्हें जल्द चालू कराने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
सत्यम असाटी, बीईओ
मैंने शासन को पत्र लिखा है। जल्द ही स्टाफ की व्यवस्था कर इन केंद्रों को संचालित किया जाएगा।
आर.पी. गुप्ता, जिला चिकित्सा अधिकारी

