छतरपुर। जिला अस्पताल परिसर में परिवहन विभाग के नियमों की खुलेआम धज्जियाँ उड़ती दिखाई दे रही हैं, जहाँ बिना वैध नंबर प्लेट के एक शव वाहन का संचालन किया जा रहा है। नियमानुसार, किसी भी वाहन के लिए रजिस्ट्रेशन और नंबर प्लेट अनिवार्य होती है, लेकिन अस्पताल के अंदर इस सरकारी वाहन पर नंबर प्लेट नदारद थी। यह गंभीर लापरवाही न केवल परिवहन नियमों का उल्लंघन है, बल्कि दुर्घटना या किसी विवाद की स्थिति में वाहन की पहचान को भी असंभव बना देती है। मरीजों के परिजनों और आम जनता ने इस उदासीनता पर सवाल उठाते हुए प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
छतरपुर के जिला अस्पताल में गुरूवार को यह लापरवाही सामने आई। अस्पताल परिसर में एक शव वाहन बिना नंबर प्लेट के दौड़ता दिखा, जो तुरंत लोगों की नजर में आकर चर्चा का विषय बन गया। नियमों के अनुसार किसी भी सरकारी या निजी वाहन को सड़क पर उतारने से पहले उसका वैध पंजीकरण अनिवार्य है। जब इस संबंध में चालक से बात की गई तो उसने शुरू में मामले से पल्ला झाडऩे की कोशिश की और इसे नया वाहन बताकर कहा कि पंजीकरण प्रक्रिया में है। हालांकि कुछ ही देर बाद उसने एक साथ पाँच नंबर प्लेटें दिखा दीं। अस्पताल आने वाले मरीजों और परिजनों ने इस लापरवाही पर सवाल उठाए हैं, और कहा है कि अगर प्रशासन खुद नियमों का पालन नहीं करेगा तो आम जनता से पालन की उम्मीद कैसे की जा सकती है। परिवहन विभाग और जिला अस्पताल प्रबंधन की इस उदासीनता ने व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना यह है कि जिम्मेदार अधिकारी इस मामले में क्या कार्रवाई करते हैं या फिर यह भी अन्य मामलों की तरह फाइलों में दबकर रह जाएगा।

