@ गौरव गोस्वामी "ब्यूरो छतरपुर"
छतरपुर में सिटी कोतवाली के पास स्थित लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की एक बिल्डिंग की भू-माफियाओं ने अवैध रूप से रजिस्ट्री करा ली है।
स्थान: यह संपत्ति सिटी कोतवाली के पास बालाजी मंदिर के सामने स्थित है।
बिक्री की साजिश: भू-माफिया इस सरकारी संपत्ति को 9 करोड़ रुपए में बेचने की कोशिश कर रहे हैं।
सरकारी रिकॉर्ड: नजूल जांच रजिस्टर (1978-79) के अनुसार, यह 307 वर्ग मीटर का पक्का मकान (शीट क्रमांक 47अ, भूखंड 120) मध्य प्रदेश पीडब्ल्यूडी के नाम पर दर्ज है।
विभाग की प्रतिक्रिया: मामला सामने आने के बाद, पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने कहा है कि वे मामले की जांच करेंगे और अगर रजिस्ट्री अवैध पाई जाती है तो इसे रद्द कराने के लिए न्यायालय में अपील करेंगे।
भ्रष्टाचार का आरोप: खबर में यह भी आरोप लगाया गया है कि भू-माफिया ने पीडब्ल्यूडी के कुछ भ्रष्ट अधिकारियों के साथ मिलकर इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया है।
प्रशासन और विभाग की प्रतिक्रिया
मामला उजागर होने पर पीडब्ल्यूडी विभाग हरकत में आया है। विभाग के अधिकारियों ने बयान दिया है कि वे पूरे मामले की गहन जांच कराएंगे। यदि यह पाया जाता है कि रजिस्ट्री धोखाधड़ी से की गई है, तो विभाग इस रजिस्ट्री को निरस्त करवाने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाएगा और कानूनी कार्रवाई करेगा।
इस मामले के बड़े संकेत
भू-माफिया का बढ़ता दुस्साहस: यह घटना दिखाती है कि भू-माफिया अब निजी संपत्तियों के साथ-साथ सरकारी संपत्तियों पर भी कब्जा करने से नहीं हिचक रहे हैं।
सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार: इस तरह का बड़ा फर्जीवाड़ा बिना विभागीय मिलीभगत के संभव नहीं है, जो पीडब्ल्यूडी के भीतर भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है।
प्रशासनिक लापरवाही: जिला प्रशासन की अपनी ही जमीनों को न बचा पाना, उनकी कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है।

