@मुकेश तिवारी की रिपोर्ट
चित्रकूट। गोपाष्टमी की पावन तिथि पर आज महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुल-गुरु प्रो भरत मिश्रा ने पूरी श्रद्धा के साथ ग्रामोदय विश्वविद्यालय की गौशाला में सपरिवार पहुंच कर वैदिक विधि से गोपूजा और अर्चना की। प्रो मिश्रा ने इस मौके पर गौशाला की गायों और गो-वंशो को अपनी घरेलू रसोई में तैयार पूड़ी, कचौड़ी, सब्जी, गुड, खोए के लडडू आदि खिलाए। प्रो मिश्रा ने ग्रामोदय गौशाला में पल रही गायों, बछिया, बैलों, बछड़ों को दुलारते हुए अपना आत्मीय गौ प्रेम प्रकट किया। इस कार्यक्रम का संयोजन कर रहे गौशाला के प्रभारी डॉ उमेश कुमार शुक्ला ने कुल-गुरु प्रो भरत मिश्रा के सपरिवार आगमन पर उनका स्वागत किया। इस अवसर पर कुल-गुरु प्रो भरत मिश्रा ने अपने व्याख्यान में कहा कि गोपाष्टमी महत्वपूर्ण त्योहार है, जो भगवान श्रीकृष्ण की गो-चारण लीला से जुड़ा है। इस दिन गायों की पूजा और सेवा करने से सुख, समृद्धि और पुण्य की प्राप्ति होती है। उन्होंने गोपाष्टमी मनाए जाने के महत्व और औचित्य पर प्रकाश डालते हुए बताया कि गोपाष्टमी के दिन गायों की पूजा की जाती है। गाय के शरीर में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास माना जाता है, इसलिए उनकी पूजा करने से सभी देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है। गोपाष्टमी के दिन गायों की पूजा और सेवा करने से घर में सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य बढ़ता है। गोपाष्टमी के दिन गायों की पूजा और सेवा करने से पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है।
प्रो मिश्रा ने गो-
सेवा का महत्व पर प्रकाश डाला और बताया कि इस दिन गायों को चारा, पानी और अन्य आवश्यक वस्तुएं प्रदान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।इस अवसर पर कृषि संकाय के शिक्षक, कर्मचारी और गौशाला स्टाफ मौजूद रहा।
सेवा का महत्व पर प्रकाश डाला और बताया कि इस दिन गायों को चारा, पानी और अन्य आवश्यक वस्तुएं प्रदान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।इस अवसर पर कृषि संकाय के शिक्षक, कर्मचारी और गौशाला स्टाफ मौजूद रहा।

