छतरपुर। ग्राम ईशानगर के ग्रामीणों ने मंगलवार को जनसुनवाई में पहुंचकर तत्कालीन पटवारी विवेक उपाध्याय पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पटवारी द्वारा संपत्ति सर्वे के दौरान लगभग 150 ग्रामीणों की पैत्रिक एवं पट्टा प्राप्त भूमि गलत तरीके से अन्य व्यक्तियों के नाम दर्ज कर दी गई है।
कलेक्टर से की गई शिकायतकर्ता महेन्द्र राय, सफात खान सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि सर्वे के समय पटवारी विवेक उपाध्याय ने मूल स्वामियों से बिना परामर्श के अपनी मनमर्जी से कई संपत्तियों को अन्य लोगों के नाम दर्ज कर दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि इस कार्य में पैसे का लेन-देन भी हुआ है, जिससे गांव में भारी असंतोष व्याप्त है। ग्रामीणों ने बताया कि जब इस संबंध में पटवारी से बात की गई तो उन्होंने गैरजिम्मेदाराना जवाब देते हुए कहा कि अब संपत्तियां चढ़ चुकी हैं, इनमें कुछ नहीं किया जा सकता। जिनके नाम चढ़ गई हैं, उन्हीं से रजिस्ट्री करा लो। इस बयान से ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि ग्राम ईशानगर की सभी संपत्तियों का पुन: सर्वे कर मूल स्वामियों के नाम पर दर्ज कराया जाए, और दोषी पटवारी विवेक उपाध्याय के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कठोर कार्रवाई की जाए। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि शासन स्तर पर शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई तो वे आंदोलन करने को बाध्य होंगे, जिससे गांव की शांति एवं सुरक्षा व्यवस्था प्रभावित हो सकती है।

