पीडब्ल्यूडी भवन की बिक्री के मामले में 5 पर हुई एफआईआर,अन्य भवनों की कराई जाएगी जांच, अन्य स्थानों पर भी कार्रवाई की संभावना
छतरपुर। हाल ही में सामने आए लोक निर्माण विभाग के एक भवन की फर्जी रजिस्ट्री और अतिक्रमण के मामले में रविवार को नगर पालिका, रजिस्ट्री लेखक एवं सहायक रजिस्ट्रार सहित 5 लोगों पर कोतवाली थाना में एफआईआर दर्ज कराई गई है। दरअसल कोतवाली के पास स्थित पीडब्ल्यूडी विभाग के एक भवन को कुछ लोगों ने अधिकारी-कर्मचारियों से सांठ-गांठ कर फर्जी दस्तावेजों की मदद बेच दिया। मामले का खुलासा होने के बाद पांच कर्मचारियों पर एफआईआर दर्ज किए जाने के साथ-साथ कुछ विभागीय अधिकारियों को नोटिस भी भेजे गए हैं। उक्त प्रकरण की जिला प्रशासन द्वारा बारीकी से जांच कराए जाने के साथ-साथ शहर में मौजूद पीडब्ल्यूडी विभाग के अन्य भवनों की जांच कराने के लिए टीम गठित की गई है जिससे अन्य मामलों में भी कार्रवाई होने की संभावना है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक छतरपुर की सिटी कोतवाली के समीप बालाजी मंदिर के सामने स्थित लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के भवन क्रमांक 64, जिसे हाउस ऑफ उमाशंकर दफ्तरी के नाम से जाना जाता है, उसे निशा उपाध्याय पत्नी स्वर्गीय बृजेश उपाध्याय, गोपाल उपाध्याय पुत्र स्वर्गीय बृजेश उपाध्याय, विजय उपाध्याय पुत्र स्वर्गीय बृजेश उपाध्याय, तीनों निवासी रैन बसेरा के सामने तीर्थराजपुरी सीतापुर बलगई चित्रकूट भैसोढ़ा जिला चित्रकूट तथा राकेश कुमार उपाध्याय पुत्र स्वर्गीय गणेशदत्त उपाध्याय निवासी वार्ड नंबर 20 सब्जीनगर मुहल्ला छतरपुर द्वारा फर्जी दस्तावेजों की मदद से बेच दिया गया। पिछले दिनों जब सोशल मीडिया पर यह मामला उजागर हुआ तो प्रशासन ने प्रकरण को संज्ञान में लेकर पड़ताल की और जांच में दोषी पाए गए अधिकारी-कर्मचारियों पर कार्रवाई शुरु की गई है। सीएसपी अरुण कुमार मिश्रा ने बताया कि इस मामले में दोषी पाए गए नगर पालिका के सहायक राजस्व निरीक्षक राजेंद्र नापित, दयाराम कुशवाहा, तत्कालीन राजस्व शाखा प्रभारी उमाशंकर पाल, प्रभारी उपपंजीयक कंसू लाल अहिरवार तथा रजिस्ट्री लेखक रघुनंदन प्रसाद पाठक के खिलाफ कोतवाली थाना में भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 318(4) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
अधिकारियों को जारी हुए नोटिस, अतिक्रमण मुक्त कराए जाएंगे अन्य भवन-
एडीएम मिलिंद नागदेवे ने बताया कि कूटरचित दस्तावेजों की मदद से पीडब्ल्यूडी विभाग के भवन को बेचे जाने के प्रकरण में छतरपुर नगर पालिका के सहायक राजस्व निरीक्षक राजेंद्र नापित, दयाराम कुशवाहा, तत्कालीन राजस्व शाखा प्रभारी उमाशंकर पाल और प्रभारी उपपंजीयक कंसू लाल अहिरवार तथा रजिस्ट्री लेखक रघुनंदन प्रसाद पाठक के विरुद्ध कोतवाली थाना में एफआईआर दर्ज की गई है। इसके अतिरिक्त नगर पालिका सीएमओ, पीडब्लयूडी के स्थाईकर्मी विजय खरे, राजाराम कुशवाहा, तत्कालीन कार्यपालन यंत्री और रजिस्ट्रार कार्यालय के डीआर को नोटिस जारी किए गए हैं। प्रकरण के क्रेता-विक्रेता पर जांच के बाद कार्रवाई होगी और जो अन्य नाम सामने आएंगे उन पर भी कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर के निर्देश पर 4 सदस्यीय टीम भी गठित की गई है जो शहर के अंदर मौजूद पीडब्ल्यूडी के भवनों की जांच कर उन्हें अतिक्रमण मुक्त कराएगी।
जीर्ण-शीर्ण, पुराने भवन एवं क्षतिग्रस्त भवनों को हटाने, ध्वस्त करने के सबंध में चार व्यक्तियों को नोटिस जारी
सीएमओ नगरपालिका छतरपुर माधुरी शर्मा ने नोटिस जारी करते हुए कहा कि भवन क्रमांक 64 (हाउस ऑफ उमाशंकर दफ्तरी) जो भवन महल रोड बालाजी मंदिर के सामने स्थित हैं। उक्त भवन जीर्ण-शीर्ण, पुराना एवं क्षतिग्रस्त दशा में है एवं उसके गिरने की सम्भाव्यता है उक्त भवन व भवन के आसपास के निवासी, अधिभोगीओ एवं पथिकों के लिए खतरनाक है यदि जीर्ण-शीर्ण भवन अचानक ध्वस्त होता है तो भवन के निवासी, अधिभोगीओं की जनहानि हो सकती है। जिसके लिए निशा उपाध्याय पत्नी स्व. बृजेश उपाध्याय, गोपाल उपाध्याय तनय स्व. बृजेश उपाध्याय, विजय उपाध्याय तनय स्व. बृजेश उपाध्याय तीनो निवासीगण रैन बसेरा के सामने, तीर्थराजपुरी, सीतापुर बलगई चित्रकूट भैसोन्धा, जिला चित्रकूट (म.प्र.) और राकेश कुमार उपाध्याय तनय स्व. गणेशदत्त उपाध्याय निवासी- वार्ड न.-20 सबनीगर मुहल्ला छतरपुर स्वयं जिम्मेदार होगें। अत: उक्त भवन को 2 दिवस मे स्वत: सावधानी पूर्वक मरम्मत करने की कार्यवाही करें एवं पालन प्रतिवेदन अधोहस्ताक्षरकर्ता के समक्ष प्रस्तुत करें। अन्यथा कि स्थिति में म.प्र. नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 221 के प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जाकर निकाय द्वारा हटवाया जाएगा एवं उसमें होने वाले व्यय की क्षति पूर्ति संबंधित से वसूल की जाएगी, जिसके लिए सम्बंधित स्वत: उत्तरदायी होगें।

