विज्ञापन

Type Here to Get Search Results !
BREAKING NEWS

Breaking Posts

Right Post

मंत्री जी के क्षेत्र में जलभराव ने रोकी स्कूल की राह

 


स्कूल पहुंचने के लिए शिक्षकों और बच्चों को करनी पड़ रही जान जोखिम में डालने वाली जद्दोजहद
छतरपुर।
एक तरफ देश को विश्वगुरु बनाने की बातें हो रही हैं, तो दूसरी ओर ज़मीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। छतरपुर जिले के लवकुशनगर जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत मुड़ेरी के मजरा चौधरी का पुरवा की तस्वीर दिल दहला देने वाली है, जहां शिक्षा की नींव रखने वाला प्राथमिक विद्यालय खुद बदहाली की गवाही दे रहा है।यह गांव लवकुशनगर से महज 10 से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, लेकिन यहां पहुंचने वाला रास्ता किसी चुनौती से कम नहीं। बारिश के दिनों में हालात ऐसे हो जाते हैं कि स्कूल जाने के लिए शिक्षक और बच्चे जान जोखिम में डालकर गहरे जलभराव वाले नाले को पार करने को मजबूर हैं।
विद्यालय में पदस्थ शिक्षिका वर्षा आदिवासी और निस्प्रिया नागर बताती हैं कि उन्हें रोज़ लवकुशनगर से आना-जाना करना पड़ता है। लेकिन बारिश के दिनों में गांव तक की सड़क दलदल में तब्दील हो जाती है। वाहन लगभग 3-4 किलोमीटर पहले ही खड़ा करना पड़ता है, और उसके बाद कीचड़ से लथपथ रास्ते से होते हुए, एक गहरे नाले को पार कर ही स्कूल तक पहुंचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि स्कूल से महज 200 मीटर पहले बना नाला हर बारिश में उफान पर होता है, जिसे तैरकर पार करना पड़ता है। परिणामस्वरूप शिक्षकों को स्कूल पहुंचने में ही तीन से चार घंटे का समय लग जाता है, जिससे बच्चों की पढ़ाई पर भी बुरा असर पड़ता है।
इतना ही नहीं, स्कूल में केवल एक कमरा है, जिसमें कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को एक साथ बैठाकर पढ़ाया जाता है। इसी कमरे में किताबें, पुरानी सामग्री और अन्य सामान भी रखा हुआ है, जिससे पढ़ाई का माहौल और भी अस्त-व्यस्त हो जाता है।
गौरतलब है कि यह क्षेत्र प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री और चंदला विधायक दिलीप अहिरवार का है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या मंत्री जी को अपने ही क्षेत्र के हालात नहीं दिखते? और यदि दिखते हैं, तो सुधार के प्रयास क्यों नहीं हो रहे? क्या स्कूल चलें हम जैसे अभियान सिर्फ कागजों पर ही सीमित रहेंगे?

Top Post Ad

Design by - Blogger Templates |