विज्ञापन

Type Here to Get Search Results !
BREAKING NEWS

Breaking Posts

Right Post

मृत गधों के शव उठाने और अंतिम संस्कार के नाम पर जाली बिल बनाने के लगे आरोप

 



तो क्या कागजों में गधों को मारकर भ्रष्टाचार कर रही छतरपुर नगर पालिका...?

छतरपुर। छतरपुर नगर पालिका में गधों की कथित मौत के नाम पर भ्रष्टाचार का सनसनीखेज मामला सामने आया है। आरोप है कि नगर पालिका ने शहर के कई वार्डों में गधों की मृत्यु दर्शाकर उनके शव उठाने और अंतिम संस्कार के लिए फर्जी बिल बनाए हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि जिन वार्डों में गधों की मौत का दावा किया गया, वहां के स्थानीय लोग कहते हैं कि उनके क्षेत्र में वर्षों से कोई गधा नहीं है।
वार्ड क्रमांक 38 के पार्षद प्रतिनिधि पुष्पेंद्र कुशवाहा ने बताया कि कुछ दिन पहले सागर से आई एक जांच टीम ने उनसे फोन पर संपर्क किया। टीम ने पूछा कि क्या उनके वार्ड में गधे की मृत्यु हुई थी और क्या उन्होंने इसकी सूचना नगर पालिका को दी थी। पुष्पेंद्र ने जवाब दिया कि पिछले तीन वर्षों से उनके वार्ड में एक भी गधा नहीं है, तो मृत्यु का सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने बताया कि यह फोन 2700 रुपये के एक बिल के ऑडिट की पुष्टि के लिए आया था, जो नगर पालिका ने गधे का शव उठाने के लिए बनाया था। पुष्पेंद्र ने आरोप लगाया कि नगर पालिका गधों के शव उठाने और अंतिम संस्कार के नाम पर 2700 से 3000 रुपये तक के फर्जी बिल बनाकर भ्रष्टाचार कर रही है।
वार्डवासी बोले- वार्ड में गधों का नामो-निशान नहीं
वार्ड 38 के निवासियों ने भी पुष्पेंद्र कुशवाहा के दावे का समर्थन किया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि उनके वार्ड में कई वर्षों से कोई गधा नहीं देखा गया है। निवासियों ने नगर पालिका के इस कथित घोटाले पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि जिन गधों की मृत्यु का दावा किया जा रहा है, वे उनके वार्ड में कभी थे ही नहीं। बहरहाल यह खुलासा छतरपुर नगर पालिका पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को और पुख्ता कर रहा है। पार्षद प्रतिनि?धि पुष्पेन्द्र सहित स्थानीय लोगों ने मांग की है कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच हो और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

Top Post Ad

Design by - Blogger Templates |