छतरपुर। राजनगर विकासखण्ड की ग्राम पंचायत कुटिया में हरिराम अहिरवार पुत्र सल्ला अहिरवार के खेत पर तालाब निर्माण कार्य में भारी अनियमितताएं सामने आ रही हैं। तालाब निर्माण के लिए शासन द्वारा मनरेगा योजना के तहत 4 लाख 75 हजार रुपए की राशि स्वीकृत की गई है, जिसमें मजदूरों से कार्य कराया जाना आवश्यक है। परंतु जमीनी हकीकत इससे विपरीत है।
स्थानीय लोगों के अनुसार तालाब खुदाई में मजदूरों की बजाय जेसीबी मशीन का प्रयोग किया जा रहा है, जो मनरेगा के नियमों के साफ तौर पर उल्लंघन है। मनरेगा योजना का उद्देश्य ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराना है, लेकिन इस कार्य में न तो स्थानीय मजदूरों को रोजगार मिल रहा है और न ही योजना का उद्देश्य पूरा हो रहा है।
ग्राम पंचायत के सचिव द्वारा इस कार्य की निगरानी की जानी चाहिए, परंतु उनका रवैया भी लापरवाही भरा नजर आ रहा है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि प्रशासन को इस मामले की गंभीरता से जांच कर संबंधित जिम्मेदारों पर कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि योजना की पारदर्शिता बनी रहे और ग्रामीणों को उनका हक मिल सके। ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि इस कार्य की जांच कर मशीनों से हो रहे कार्य को तुरंत बंद कर मजदूरों को रोजगार दिया जाए।
इनका कहना-
हमें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। हमें सिर्फ मजदूरी का भुगतान करना है। मशीन का कोई भुगतान नहीं किया जाएगा।
संजय सिंह, सचिव, ग्राम पंचायत कुटिया