लवकुशनगर। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के 29 मई को प्रस्तावित गौरिहार अनुविभाग आगमन से पहले एक बार फिर लवकुशनगर को जिला बनाने की वर्षों पुरानी मांग ने जोर पकड़ लिया है। क्षेत्रीय जनता, युवा वर्ग, समाजसेवियों और विभिन्न संगठनों ने इस मांग को लेकर आंदोलन को नई धार दी है।
लवकुशनगर सहित बारीगढ़, गौरीहार, सरबई, चंदला विधानसभा क्षेत्रों के नागरिक लंबे समय से इस क्षेत्र को जिला बनाए जाने की मांग कर रहे हैं। ज्ञापन सौंपना, जनचौपाल, दीवार लेखन, खूनी हस्ताक्षर अभियान, यहां तक कि आत्मदाह की कोशिश जैसे कदम इस मांग की गंभीरता को दर्शाते हैं।मुख्यमंत्री के गौरिहार आगमन से पहले लवकुशनगर अनुविभाग के नागरिकों ने फिर एकजुट होकर आवाज बुलंद करनी शुरू कर दी है। समाजसेवी नितिन रिछारिया और मुरली पाठक के नेतृत्व में युवाओं की टोली ने क्षेत्रभर में दीवार लेखन अभियान शुरू कर दिया है। इन दीवारों पर लिखा गया—मुख्यमंत्री मोहन यादव आयें और लवकुशनगर को जिला बनायें।
स्थानीय जनता का कहना है कि यह केवल भावनात्मक मुद्दा नहीं, बल्कि क्षेत्र के समग्र विकास और प्रशासनिक सुगमता से जुड़ा एक आवश्यक निर्णय है। आमजन का आह्वान है कि मुख्यमंत्री इस बार केवल आश्वासन देकर न जाएं, बल्कि लवकुशनगर को जिला बनाने की घोषणा कर क्षेत्रवासियों की वर्षों पुरानी मांग को पूरा करें।
आंदोलनकारियों ने स्पष्ट किया है कि जब तक ठोस निर्णय नहीं होता, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा और जरूरत पड़ी तो शांति पूर्ण जनसभा को जनक्रांति में भी बदला जा सकता है। अब देखना यह होगा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आगामी गौरिहार दौरे में इस महत्वपूर्ण जनभावना पर क्या रुख अपनाते हैं।