ईशानगर। महिला एवं बाल विकास विभाग अधिकारियों की उदासीनता के चलते आंगनबाड़ी केंद्र अपना उद्दे्य पूरा नहीं कर रहे हैं। कहीं बच्चे नहीं आ रहे तो कहीं कार्यकर्ता ही महीनों से उपस्थित नहीं रहती आलम यह है कि सहायिका ही आंगनवाड़ी का संचालन कर रही हैं। ग्रामीणों द्वारा कई बार विभाग को शिकायत करे के बाबजूद जाने के बावजूद भी लापरवाह कर्मचारियों की सेवाओं में सुधार नहीं हो रहा है।
इसी प्रकार का ताजा मामला पठादा ग्राम पंचायत के नाथनपुरवा की आंगनवाड़ी केंद्र से सामने आया है। जहां सोमवार की सुबह करीब 9:30 बजे केंद्र में ताला लगा पाया गया। वहीं कुछ समय पश्चात वहां पर पदस्थ सहायिका सुमन अहिरवार वहां पहुंची जहां आंगनबाड़ी के एक भी बच्चे मौजूद न होकर प्राइमरी स्कूल के बच्चे वहां पर खेल रहे थे। सहायिका से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के बारे में पूछा गया तो वह कुछ भी कहने से बचती नजर आई। वहीं ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कार्यकर्ता सुमन अहिरवार को कई महीनो से केंद्र पर नहीं आने की बात कही आंगनबाड़ी का सभी रिकॉर्ड भी कार्यकर्ता के घर पर मौजूद होने की बात सहायिका ने कही। बच्चों को मिलने वाला मध्यान भोजन भी समय पर नहीं आने की बात कही।
इनका कहना है
सुमन अहिरवार को मजरा
पठार के आंगनबाड़ी केंद्र का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। जिस वजह से वह
अपने पद स्थापना वाले आंगनवाड़ी केंद्र पर नहीं जाती।
रेखा सिंह, पर्यवेक्षक, ईशानगर