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हत्या के प्रयास के मामले ने शहरवासियों की उड़ाई नींद




तीन दिन थाने में बैठे हत्या के प्रयास के आरोपियों को पुलिस ने छोड़ा

छतरपुर। सिविल लाईन थाना क्षेत्र अंतर्गत विगत तीन दिन पहले एक मकान को लेकर विवाद हो गया था। विवाद इतना बड़ा कि एक पक्ष की तरफ से लाईसेंसी रिवाल्बर से गोली चला दी गई। गोली चलाने के बाद आरोपी स्वयं आपने आप को सरेडर करते हुए थाने पहुंच गया था। पुलिस ने पिता पुत्र को थाने में बैठा लिया था। इसके बाद प्रशांत यादव की शिकायत पर सिविल लाईन पुलिस ने आरोपी रमेश पटैल और उनके पुत्र पुष्पेन्द्र पटैल पर धारा 296, 115(2) और 109 हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर लिया था। इस एफआईआर के ठीक दूसरे दिन मंगलवार को पुष्पेन्द्र पटैल की पत्नी मोहनी पटैल की शिकायत पर प्रशांत यादव और पुष्पेन्द्र यादव पर धारा 296, 115(2), 351(2) और 3(5) का मामला दर्ज कर लिया गया था। उसके बाद बुधवार की देर शाम पुलिस ने अपनी मनगडंत कहानी बनाकर हत्या के प्रयास के आरोपी रमेश पटैल और पुष्पेन्द्र पटैल की गिरफ्तारी नहीं दिखाकर थाने से छोड़ दिया है। इस पूरे मामले में बुद्धजीवियों ने पुलिस प्रशासन की कार्रवाई पर सवालिया निशान खड़े किए है।
हत्या के प्रयास के आरोपी को पुलिस थाने से नहीं छोड़ सकती-अधिवक्ता गणेश साहू
सिविल लाईन थाना क्षेत्र अंतर्गत हुए गोलीकाण्ड के मामले में अधिवक्ता गणेश साहू ने कहा कि सात साल की सजा वाले मामले में आरोपियों को पुलिस थाने से जमानत पर छोड़ सकती है। लेकिन जिन अपराधों में दस वर्ष की सजा का प्रावधान है उस मामले में पुलिस आरोपियों को थाने से नहीं छोड़ सकती है। पुलिस आरोपियों को सक्षम न्यायालय में ही पेश करेगी। न्यायालय के फैसले के अनुसार ही पुलिस आरोपियों को छोडऩे या फिर जेल भेजने की कार्रवाई करेगा। अगर सिविल लाईन पुलिस हत्या के प्रयास के आरोपियों को पकड़ा है तो न्यायालय में पेश करना चाहिए। अगर हत्या के प्रयास के आरोपियों को छोड़ दिया है तो यह पुलिस की विचारधारा पर प्रश्र चिन्ह लग रहा है। अगर हत्या के प्रयास के आरोपियों को पुलिस ने छोड़ा है तो थाना पुलिसने आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं दिखाई होंगी। इस वजह से पुलिस ने आरोपियों को ऑन रिकार्ड के वाहर  होने से छोड़ दिया होगा।
पुलिस और अपराधियों को है गठजोड़-प्रबक्ता कांग्रेस कमेटी अभिलेख खरे

कांग्रेस कमेटी जिला प्रबक्कता अभिलेख खरे ने कहा कि जिले में इन दिनों पुलिस और अपराधियों का गठजोड़ देखा जा रहा है। जिले की पुलिस कानून व्यवस्था पूरी तरह से लडख़ड़ाई हुई है। इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। जहां तक कि नवदुर्गा उत्सव के दौरान निकलने वाली प्रभात फेरी में छुरा और बका से हमले का मामला सभी ने देखा है। जबकि प्रभात फेरी में पुलिस भी मौजूद थी। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि भाजपा सरकार के दौरान जिले की पुलिस कानून व्यवस्था किस तरह से चल रही है। हत्या के प्रयास के आरोपी को पुलिस ने तीन दिन तक थाने में रखा और छोड़ दिया इससे साफ जाहिर हो रहा है कि पुलिस अपराधियों को कितना संरक्षण दे रही हैं। जबकि हत्या के प्रयास के आरोपियों को थाने से नहीं छोड़ा जा सकता है। अगर एफआईआर दर्ज हो गई तो आरोपियों की गिरफ्तारी दिखाना चाहिए। अगर पुलिस ने गिरफ्तारी नहीं दिखाई और छोड़ दिया तो यह पुलिस प्रशासन पर सवालिया निशान खड़े करने बाली कार्रवाई सिद्ध हो रही हैं।

पुलिस अपनी कार्रवाई करती है-जिला उपाध्यक्ष भाजपा अशोक दुबे

सिविल लाईन थाना क्षेत्र में हत्या के प्रयास के मामले में भाजपा जिला उपाध्यक्ष अशोक दुबे ने कहा कि पुलिस प्रशासन अपने हिसाब से काम करती है। अपराधियों के खिलाफ पुलिस वहीं कार्रवाई करती है जो करनी चाहिए। भाजपा सरकार किसी भी अधिकारियों के ऊपर किसी भी काम को लेकर दबाव नहीं बनाती है। रहीं बात सिविल लाईन थाना में हत्या के प्रयास की हुई एफआईआर पर आरोपियों को छोड़ा है तो पुलिस ने अपने हिसाब से कार्रवाई की होगी। अगर आरोपी हत्या के प्रयास में संलिप्त है तो कोर्ट भी आगे की कार्रवाई करवा सकती है। प्रशासन पर भाजपा सरकार कभी भी दबाव बनाने का काम नहीं करती हैं।  

 इनका कहना है।

हत्या के प्रयास का मामले के आरोपियों को थाने से इसलिए छोड़ दिया गया है क्योंकि पुख्ता साक्ष्य नहीं मिले है मै कोर्ट के काम से व्यस्त हूॅ और बाद में बात करूंगा।
अमन मिश्रा, सीएसपी, छतरपुर

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