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हल्के पर नहीं जाते पटवारी, जिले के बाहर बनाया अपना कार्यालय

बक्सवाहा । तहसील क्षेत्र में इन दिनों पटवारियों के खिलाफ ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्र की आम जनता व कृषकों में आक्रोश दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा है। जिसका कारण है पटवारियों का अपने हल्के से अनुपस्थित रहना अर्थात पटवारी अपने कार्यक्षेत्र मुख्यालय पर नहीं जाकर तहसील मुख्यालय तथा अपने निवास स्थल जिसमें जिले से बाहर भी है पर ग्रामीणों को बुला रहे हैं। ऐसा ही कुछ नजारा गुरुवार को देखने को मिला जब पंचायत भवन कार्यालय मझगुवांघाटी पर ताला लगा हुआ था जबकि हितग्राही परेशान हो रहे थे। तहसील के सबसे अधिक चर्चित में हल्का नंबर 36 मझगुवांघाटी के पटवारी पुष्पेंद्र सिंह राजपूत कार्यक्षेत्र में ना जाकर संबंधित हितग्राहियों को अपने निवास पर जो जिले के बाहर रहते हैं आने के लिए कहते हैं और सप्ताह में तहसील मुख्यालय बकस्वाहा आने पर यहां पर बुलाया जाता है। लेकिन सबंधित हल्का के ग्रामीणो का करीब 25 किलोमीटर दूर आने पर भी कार्य नहीं होता है ! पटवारी की इस मनमानी पूर्ण रवैया से गुस्साए ग्रामीण किसान जगदीश यादव, बिहारी साहू,बद्दू सेन ने अधिकारियों के साथ ही पत्रकारों से इस बात की शिकायत की है। उन्होंने कहा किसानी का काम छोड़कर हम इतनी दूर से बक्सवाहा और शाहगढ़ जाते है लेकिन वह हमारा काम नहीं करते है और विभिन्न प्रकार के बहाने बनाकर टाल देते हैं और बिना सेवा शुल्क के किसान का हो पाना सम्भव भी नहीं रहता।जब तक पटवारी को पैसे नहीं दो, घुमाते रहते हैं।
पटवारियों की मनमानी तानाशाही से परेशान ग्रामीणों ने पटवारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि हमें हमारे छोटे छोटे काम कराने के लिए भी पटवारी द्वारा कई बार बिना वजह घुमाया जाता है। जब तक पटवारी को सेवा शुल्क नहीं करें तब तक काम ही नहीं होते हैं। पटवारी के यहां सारी गतिविधियों के पैसे फिक्स है। जिसके अंतर्गत सीमांकन, नक्शा नकल, सर्वे, गिरदावरी ,फसल दर्ज करवाना, नामांतरण , नक्शा तरमीम, फौती नामांतरण, बंटवारा, नामांतरण आदेश के बाद फीडिंग करने आदि गतिविधियों के पैसे फिक्स हैं ।जब तक उनके पैसे नहीं दिए जाते पटवारी द्वारा कई नियम गिनाए जाते हैं। पैसे देते ही सारे नियम ध्वस्त हो जाते हैं ।इस सब चर्चा आम बनीं हुई है। ग्रामीण किसान जगदीश यादव ने बताया कि उन्होंने तरमीम के लिये दो बार आदेवन किया लेकिन पटवारी ने उनका कार्य नहीं किया जबकि उस कार्य के लिए उन्होंने पटवारी के कहने पर चौकीदार को 4000 रूपये भी दे दिए है ! किसान बिहारी साहू ने कहा उन्हें प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री द्वारा दी जाने वाली किसान सम्मान निधि प्राप्त नहीं हो रही है जबकि उन्होंने पटवारी को तीन बार जमीन के कागज और आदेवन दिये है उनका ये आरोप है कि पटवारी उनका आवेदन कचरे में फेक देते है । ग्रामीण बद्दू सेन ने कहा पटवारी सिर्फ दबंग और मालदार जमीन माफियाओं का काम करते हैं आम लोगों के काम को हमेशा आजकल पर टाल देते हैं किसी तरह काम किया तो जानबूझ कर गलतियां कर कमी कर देते हैं। बाद में हितग्राहियों को भूल सुधार के पहले हर्जाना भी देना पड़ता है तथा पटवारी द्वारा की गई भूल को सुधारने हेतु फिर उन्हीं के कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ते हैं। बकस्वाहा तहसील के कृषक लम्बे समय से त्रस्त है।अनेकों बार अधिकारियों से शिक़ायत करने के बाद कार्यवाही ना होना आश्चर्य का बिषय बना हुआ है। कृषकों ने शासन प्रशासन से समस्याओं के समाधान करने की मांग की है।

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