सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी केन,उर्मिल, छतेसर, वर्मा, व धसान नदी से निकाली जा रही है चमकीली चाॅदी।
By ओम प्रकाश कुशवाहा
महोबा । खाकी और खादी के गठजोड़ होने पर सर्वोच्च न्यायालय के दखल के बाद भी जिले की सीमा मे प्रवाहित नदिया से चमकीली चाॅदी निकाले जाने का कार्य धड़ल्ले से बेरोक टोक किया जा रहा है। इस समूचे गोरखधन्धे को संचालित कराये जाने मे जिले की ब्यूराक्रैसी अछूती नही है। नदियो मे गैंगवार के चलते बालू का खनन कार्य आधुनिक संसाधनो से किया जा रहा है।
ज्ञातव्य हो कि नदियो मे हो रहे बालू खनन कार्य मे रोक लगाये जाने के आदेश सर्वोच्च न्यायालय के दखल के बाद भी गैंगवार के चलते अब भारी जनहानि की आशंका से इंकार नही किया जा सकता है। जिले के सीमावर्ती जनपद छतरपुर से प्रवाहित केन नदी मे हो रहे बालू खनन कार्य को लेकर गैंगवार मे आये दिन फायरिंग होने की खबरे प्रकाशन मे आ रही है। खनन माफिया सत्ताधारी दल के लोग और इन्हे प्रशासनिक अधिकारियो से मिल रहा सानिध्य पर मध्यप्रदेश मे स्वीकृत क्षेत्रफल की आड़ मे उत्तर प्रदेश की भी नदियो मे आधुनिक संसाधनो से अवैध बालू का खनन कार्य कराया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश की नदियो मे हो रहे खनन कार्य से दोनो राज्यो की सरकारो को राजस्व की तो भारी क्षति हो ही रही है। हालाकि महोबा जिले मे तो बालू का एक भी पट्टा स्वीकृत नही है फिर भी कई स्थानो मे इलाकाई पुलिस के सानिध्य मे लम्बे समय मे खनन कार्य चल रहा है।
थाना श्रीनगर के गांव ज्योरईया से निकली उर्मिल नदी मे बालू खनन कार्य बदस्तूर जारी है इसी तरह पनवाड़ी क्षेत्र की वर्मा नदी, छतेसर और महोबकण्ठ क्षेत्र के अन्र्तगत धसान नदी से भी चमकीली चाॅदी आधुनिक मशीनो से खनन की जा रही है।
इसी तरह छतरपुर जिले के ग्राम नहरा घाट केन नदी और रमपुरा घाट तथा कुरधन घाट सिगार घाट से बालू का अवैध खनन कार्य आधुनिक मशीनो से किया जा रहा है। रोजाना उपरोक्त केन नदी के घाटो से लगभग 5 सैकड़ा से अधिक ट्रको की लोड़िग हो रही है। इस अवैध खनन कार्य मे स्थानीय पुलिस तथा जिला प्रशासन के आलाधिकारी और खनन विभाग की संलिप्तता की चर्चाऐ जोरो पर है।