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फूड सेफ्टी विभाग की लापरवाही से दुकानों में बिक रही मिलावटी खाद्य सामग्री


छतरपुर। बारिस के मौसम में मिलावटी खाद्य सामग्री की बिक्री रोकने के निर्देश जिला प्रशासन द्वारा फूड सेफ्टी विभाग को दिए गए थे। लेकिन फूड सेफ्टी विभाग के अधिकारी और कार्मचारी मिलावटी खाद्य सामग्री की बिक्री रोकने में लापरवाही वरत रहे हैं। जिस कारण आज अधिकांश दुकानों में मिलावटी खाद्य सामग्री लोगों को बेची जा रही है। तो वहीं कुछ दुकानों में एक्सपायरी डेट की भी खाद्य सामग्री बेची जाती है। फूड सेफ्टी विभाग के अधिकारी सेंपल के नाम पर केवल खाना पूर्ति कर रहे हैं। जिन दुकान दारों से सेटिंग हो जाती है उनके यहां कभी सेंपल नहीं भरे जाते हैं। सबसे अधिक अव्यवस्था होटलो और रेस्टोरेन्टों में देखने को मिल रही है। यहां की खाद्य सामग्री के कभी सेंपल नहीं लिए जाते। होटलों और रेस्टोरेन्टो में जो बर्तन खाना बनाने के उपयोग में लाए जाते हैं उनकी हफ्तों सफाई नहीं होती है। इसी तरह पानी की टंकियों की भी सफाई वर्षो नहीं की जाती है और उन्हीं टंकियों का पानी होटलों और रेस्टोरेन्टों में ग्राहकों को पिलाया जाता है। बस स्टैण्ड मिष्ठान भंडारों में भी दूषित और मिलावटी मिठाईयां बेची जाती हैं। यहां तक की दुकानदार खुले में मिठाईयां रखते हैं जिससे गंदगी फैलती है और मक्खियां भी भिनभिनाती रहती हैं। मक्खियों के बैठने से खाद्य सामग्री दूषित हो जाती है और यही दूषित खाद्य सामग्री खाने से लोग संक्रामक बीमारियों की चपेट में आ रहे है। लेकिन फूड एवं सेफ्टी विभाग के अधिकारी लापरवाही बरत रहे हैं।
बाहर से आता है दूषित मावा-
देखा जाता है कि त्यौहारों के मौसम पर मावा की खपत अधिक होती है। और यह मावा बाहर से मगाया जाता है जो मिलावटी होता है लेकिन फूड और सेफ्टी विभाग के अधिकारियों की छत्रछाया में नकली मावा की बिक्री निरन्तर चलती है। जब भी रक्षाबंधन, दीपावली का त्यौहार आता है तो नकली मावा अधिक मात्रा में आना शुरू हो जाता है। यह नकली मावा झांसी, कानपुर की बसों में आता है। झांसी, कानपुर से नकली मावा भेजने वाले बसों में पीछे सीटों के नीचे रख देते हैं और परिचालक को पैसे दे देते हैं। लेकिन यदि कोई पकड़ता है तो परिचालक साफ मुकर जाता है कि उसे कुछ नहीं पता की किसका मावा है और किसने रखा है। जबकि इसके लिए रिक्शे वाले सेट होते हैं और बस के आते ही वह मावा उतारकर संबंधित दुकानदार के यहां पहुंचा देते हैं।

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