बाहर से आता है दूषित मावा-
देखा जाता है कि त्यौहारों के मौसम पर मावा की खपत अधिक होती है। और यह मावा बाहर से मगाया जाता है जो मिलावटी होता है लेकिन फूड और सेफ्टी विभाग के अधिकारियों की छत्रछाया में नकली मावा की बिक्री निरन्तर चलती है। जब भी रक्षाबंधन, दीपावली का त्यौहार आता है तो नकली मावा अधिक मात्रा में आना शुरू हो जाता है। यह नकली मावा झांसी, कानपुर की बसों में आता है। झांसी, कानपुर से नकली मावा भेजने वाले बसों में पीछे सीटों के नीचे रख देते हैं और परिचालक को पैसे दे देते हैं। लेकिन यदि कोई पकड़ता है तो परिचालक साफ मुकर जाता है कि उसे कुछ नहीं पता की किसका मावा है और किसने रखा है। जबकि इसके लिए रिक्शे वाले सेट होते हैं और बस के आते ही वह मावा उतारकर संबंधित दुकानदार के यहां पहुंचा देते हैं।