घुवारा। अधिकारियों और समूह माफिया की सांठगांठ के चलते सरकारी स्कूलों में चच्चों को मिलने बाले मध्याह्न भोजन में जमकर धांधली हो रही है। बच्चों को मेन्यू अनुसार भीजन नहीं मिलता, वहीं समूहों द्वारा घटिया भोजन पोसा जाता है। इस बेहद गंभीर मामले में अधिकारियों और प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही, इस लापरवाही के चलते समूह माफिया गरीब बच्चों के पेट का निवाला छीन रहे हैं। बमनौरा संकुल अंतर्गत मारौतखेरा की प्राथमिक स्कूल में मध्यान्ह भोजन में जमकर लापरवाही हो रही है। यहां के समूह द्वारा बच्चों को मेन्यू अनुसार मध्याह भोजन नहीं दिया जाता है।
जानकारी के मुताबिक के प्राइमरी स्कूल में मारौतखेरा में 32 बच्चे अध्ययनरत है। सरदार वल्लभभाई स्व. सहायता समूह संचालक के द्वारा मेन्यू चार्ट के हिसाब से यहां भोजन नहीं बनाया जा रहा है। सप्ताह में एक-दो दिन तो भोजन बनाया ही नहीं जाता है। ग्रामीणों ने समूह पर आरोप लगाते सुरक्या है कि यहां समूह लम्बे समय से काम कर रहा है जो अपनी मनमनों से काम करता है। कई बार विभागीय अधिकारियों से शिकायत की लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। बता दें कि बेटियों से प्राथमिक विद्यालय में मिड डे मील खाने के बाद समूह संचालक जूठी थालियां साफ कर रहे हैं। जबकि शिक्षा के मंदिर में बच्चों को शिक्षा मिलना चाहिए। वहां पर मिड डे मील जूठे बर्तन साफ कराए जा रहे हैं। शासन के नियमों की खुलेआम अनदेखी सरकारी स्कूलों में की जा रही है। जिसको लेकर अब प्रशासनिक व्यवस्था और शौचालय समूहों की संचालकों द्वारा जो मनमानी की जा रही है। इसकी जमीनी हकीकत देखने को मिल रही है, साथ ही शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारियों के ऊपर भी सवाल उठ रहे हैं। सरकारी स्कूलों में अभिभावकों द्वारा अपने बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए शिक्षा के मंदिर में भेजा जाता है। जहां पर बच्चों को शिक्षक शिक्षा देते हैं और वहां पर अध्ययन करने वाले बच्चों को शासन द्वारा संचालित मिड डे मील योजना के तहत दोपहर के समय भोजन उपलब्ध कराए जाने की व्यवस्था की गई है। जहां पर एक तो सरकारी स्कूलों के हालत यह है कि वहां पर एक तो मीनू के अनुसार बच्चों को भोजन उपलब्ध नहीं होता है। सरकारी स्कूलों में वहां पर संचालित स्व. सहायता समूह द्वारा भोजन उपलब्ध कराए जाने के बाद उनसे खाने जूठे बर्तन साफ कराए जाने का काम भी कराया जा रहा है।
बमनौरा संकुल अंतर्गत आने वाले प्राथमिक विद्यालय मारौतखेरा सहित आधा दर्जन विद्यालयों में देखने को मिला है, जबकि शासन के नियमानुसार बच्चों को मीनू के अनुसार प्रतिदिन भोजन उपलब्ध कराया जाए और गुणवत्ता की निगरानी करने के लिए वहां के शिक्षकों का दायित्व है। जबकि शाला में पदस्थ शिक्षक नरेशचंद्र जैन अनुपस्थित पाए गए।
इनका कहना है।
आपके द्वारा जानकारी प्राप्त हुई है, अगर बच्चों से जूठी थालिया धुलाई जाती है तो निश्चित रूप से जांच कराकर संबंधित समूह संचालक पर कार्रवाई की जाएगी।
प्रमोद राजपूत, बीआरसीसी बड़ामलहरा
आपसे जानकारी प्राप्त हुई है, अगर समूह संचालक की लापरवाही पाई जाती है तो संबंधित समूह संचालक को नोटिस जारी कर कार्रवाई की जाएगी।
वीरेंद्र यादव, प्राचार्य, संकुल बमनौरा कलां