प्रशासन की अंनदेखी के कारण तालाब के भराव क्षेत्र में पुराई करके प्लांटिंग करने में लगे माफिया
छतरपुर। तहसील अंतर्गत अभी कुछ दिनों पूर्व ही प्रताप सागर के किनारे अतिक्रमण में बनाई गई चौपाटी को प्रशासन द्वारा गिराया गया है। परंतु छतरपुर में भूमाफिया पर प्रशासन द्वारा कार्यवाही नहीं की जा रही है। जिससे भूमाफियाओं के हौसले बुलंद है। तालाबों का जलस्तर घटते ही भूमाफियाओं के द्वारा तालाबों के भराव क्षेत्र में मिट्टी पूरकर के भोली भाली जनता को ठग रहे हैं और उनको प्लाट बेच रहे हैं। जिसमें ग्वाल मंगरा तालाब संकट मोचन तालाब में साफ तौर पर देखा जा रहा है कि जैसे-जैसे जलस्तर घटता जा रहा है वैसे-वैसे ही भूमाफियाओं की तालाबों में जमीन निकलती चली जा रही है और प्लांट बेचने में लगे हुए है।
जानकारी के अनुसार तालाब में मिट्टी से पूरकर के जलस्तर को घटाने का काम कर रहे हैं। एक तरफ प्रशासन तालाबों को गहरीकरण के लिए प्रयास कर रहा है ताकि जलस्तर बना रहे। दूसरी ओर शहर के भू माफिया इतने ज्यादा सक्रिय है कि किसी भी तरह से तालाब के भराव क्षेत्र वाली जमीन को बेच रहे है। जबकि ग्रीन ट्रिब्यूनल कोर्ट के स्पष्ट आदेश हैं कि तालाब के भराव क्षेत्र से 9 मीटर तक कोई भी निर्माण कार्य नहीं कर सकते हैं। लेकिन भू माफिया किसी भी आदेश को नहीं मान रहे है। पूरे शहर में यही चर्चाएं हो रही हैं कि प्रशासन तालाबों के भराव क्षेत्र को बचाएं रखने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है। जिला प्रशासन माफियाओं के खिलाफ कोई कार्यवाही करता है या यूं ही माफियाओं के हौसले बुलंद रहते हैं और तालाब की जमीन को भेजते रहते हैं।
इनका कहना है।
तालाबों के जल भराव क्षेत्रों में मिट्टी पूर कर प्लाट बेचने का काम किया किसी के द्वारा किया जाता है तो उसकी जांच कराई जायेगी और कार्रवाई भी की जायेगी।
अखिल राठौर, एसडीएम, छतरपुर