चिकित्सकों द्वारा गुमराह करने से हुई दोनों की मौत के परिजनों लगाए आरोप
छतरपुर। छतरपुर के सागर रोड शांतिनगर कॉलोनी में स्थित प्रेमरूपा नर्सिंग होम में बुधवार को शाम के वक्त जमकर हंगामा हुआ। दरअसल 10 जून को इसी नर्सिंग होम में एक गर्भवती महिला अर्चना मिश्रा का प्रसव कराया गया था। प्रसव के दौरान कथित रूप से लापरवाही बरतने और महिला को ऑपरेशन थिएटर से हालत बिगडऩे पर रिफर किए जाने के दौरान उसकी जान चली गई थी। बुधवार को अर्चना मिश्रा के परिवार ने यहां हंगामा करते हुए प्रेमरूपा नर्सिंग होम के प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए इसे बंद कराने की मांग उठाई।
ये है मामला
शहर के अमानगंज मोहल्ले में रहने वाले संदीप मिश्रा की 30 वर्षीय पत्नि अर्चना मिश्रा को 10 जून को प्रेमरूपा नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था। अर्चना मिश्रा के देवर अभिलाष मिश्रा ने बताया कि जब हम नर्सिंग होम आए तब प्रसव का समय अधिक हो जाने के कारण ऑपरेशन से डिलेवरी कराने के लिए ही आए थे। यहां प्रबंधन के द्वारा हमें बताया गया कि हम नार्मल डिलेवरी का प्रयास कर रहे हैं और फिर दो घंटे बाद अचानक महिला और शिशु को मरणासन्न हालत में अस्पताल से बाहर स्ट्रेचर पर रख दिया गया। अस्पताल प्रबंधन ने कहा कि इसे झांसी ले जाना पड़ेगा। हम लोग महिला और शिशु को लेकर झांसी निकले कि तभी रास्ते में महिला ने दम तोड़ दिया और इसी के साथ उसके पेट में मौजूद बच्चे की भी जान चली गई। अभिलाष मिश्रा के परिवार ने बुधवार को नर्सिंग होम के बाहर पहुंचकर जमकर हंगामा करते हुए आरोप लगाए हैं कि इस अस्पताल में हमेशा मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ होता है। अत: प्रशासन को इस मामले का संज्ञान लेते हुए नर्सिंग होम बंद कराना चाहिए।
इनका कहना-
लापरवाही जैसी कोई बात नहीं हुई है। एक अस्पताल जो भी प्रयास कर सकता है वे सारे प्रयास किए गए और परिजनों को भी महिला के खतरे में होने की जानकारी पहले से दी गई थी। हमें मृत्यु का दुख है लेकिन इसमें अस्पताल प्रबंधन की कोई लापरवाही नहीं है।
डॉ. प्रतिमा खरे, प्रेम रूपा नर्सिंग होम, छतरपुर