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रश्वित मामले की जांच करने से कतरा रहे जांच टीम के अफसर


छतरपुर। विगत दो माह से जनपद पंचायत विवादों से घिरी हुई है। रिश्वतखोरी से लेकर अन्य विवाद सुर्खियों में बने हुए है। लगभग एक माह पहले जनपद पंचायत में पदस्थ एसडीओ केएस खरे ने नाली निर्माण की पूर्णता लगाने के ऐवज में चार हजार रूपए की रिश्वत जनपद पंचायत उपाध्यक्ष पति से अपने निज निवास सटई रोड स्थित ग्रीनएब्न्यू कॉलोनी स्थित ली थी। जिसकी शिकायत पर उपाध्यक्ष के चैम्बर में एसडीओ रश्वित की राशि को बापिस करने के लिए पहुंचा था। जिसकी शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों से की गई थी। कलेक्टर के निर्देशन में जिला पंचायत सीईओ तपस्या सिंह ने राजएक्सप्रेस के अंक में प्रकाशित खबर पर एक माह पहले जांच कर प्रतिवेदन तीन दिवस के अंदर आरईएस अधिकारी से मांगा था। आरईएस के अफसर ने तीन सदस्यीय टीम गठित कर सात दिन पहले जांच का आदेश किया है। सात दिन बीत जाने के बाद भी आज दिनांक तक टीम के द्वारा रिश्वतखोर एसडीओ केएस खरी की जांच नहीं की गई है।

क्या है पूरा मामला
जानकारी के अनुसान विगत एक माह पहले राज एक्सप्रेस ने रिश्वतखोर केएस खरे की खबर का प्रकाशन किया था। जिस पर कलेक्टर ने तत्काल संज्ञान लिया और जांच करने के लिए जिला पंचायत कटिंग को भेजा गया था। उसके बाद जिला पंचायत सीईओ तपस्या सिंह ने 15 मई 24 को एक आदेश पारित किया था। आदेश में एसडीओ केएस खरे द्वारा रिश्वत लेना और बापिस करने पहुंचा उपाध्यक्ष के चैम्बर की जांच करने के लिए आरईएस के अधिकारी को दिया था। आदेश पारित होने के लगभग बीस दिन बीत जाने के बाद आरईएस अधिकारी ने तीन सदस्यीय टीम का गठन 6 जून 24 को कर दिया था। टीम में अनुुविभागीय अधिकारी उपसंभाग क्रमांक-2 छतरपुर बीके रिछारिया, उपयंत्री ग्रा.या. सेवा छतरपुर व्हीके नायक और उपयंत्री सुश्री दीपिका चौरसिया को शामिल किया था।
ठंडे बस्ते में पड़े बरिष्ठ अधिकारियों के आदेश
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जनपद पंचायत छतरपुर में पदस्थ एसडीओ केएस खरे ने उपाध्यक्ष पति से चार हजार रूपए की रिश्वत ली थी। यह रिश्वत एक नाली निर्माण कार्य पर पूणत: लगना था। उसके बाद जिले के आईएएस अधिकारियों ने जांच के आदेश किए थे। जांच के आदेश में तीन दिवस के अंदर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था। लेकिन एक माह बीत जाने के बाद भी जिले के वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश ठंडे बस्ते में आराम फरमा रहे है। जबकि आरईएस अफसर ने तीन सदस्यीय टीम द्वारा भी वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रहीं है।
इनका कहना है
वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश पर तीन सदस्यीय टीम का गठन किया गया था। टीम के द्वारा जांच की गई है दो से तीन दिन में जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत हो जायेगा।
राजू प्रसाद धुर्वे, कार्यपालन यंत्री, ग्रा.या. सेवा. छतरपुर

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