इंस्पेक्टर-लंबे समय से लोगो से ले रहे थे रिश्वत फसने पर अफसर को बचाने में जुटे बड़े अफसर
लोकायुक्त संगठन ने कार्रवाई के लिए राज्य आयकर भवन, भोपाल को फरवरी 2023 में भेजा था पत्रघुवारा। इनकम टैक्स महकमे के सीनियर अफसर अपने अधीनस्थ तत्कालीन जिला आयकर अधिकारी और इंस्पेक्टर के खिलाफ कार्रवाई करने से बच रहे हैं! जबकि लोकायुक्त पुलिस संगठन इन दोनों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई के लिए करीब साल भर पहले भोपाल स्थित आयकर भवन को पत्र लिख चुका है। लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। यह पूरा मामला वर्ष 2018 में लोकायुक्त पुलिस संगठन द्वारा दर्ज रिश्वतखोरी की शिकायत व ट्रैप की कार्रवाई से जुड़ा है। फरयादी शिकायतकर्ता रशीद अहमद निवासी गोपालगंज,सागर इनकम टैक्स के केंद्रीय स्तर के अधिकारियों को राज्यस्तरीय अधिकारियों की कार्यप्रणाली के बारे में अवगत कराने की तैयारी में हैं।
जैसे-तैसे 5 साल बाद चालान पेश करने की मिली थी अनुमति
यह मामला आयकर विभाग सागर में पदस्थ रहे तत्कालीन इंस्पेक्टर गजेंद्रसिंह चौधरी और जिला आयकर अधिकारी सुधीरकुमार गुप्ता से जुड़ा है। वर्ष 2018 में गोपालगंज निवासी रशीद अहमद ने नोटबंदी के बाद जारी हुए नोटिसों को लेकर सेटेलमेंट के नाम इनकम टैक्स विभाग द्वारा रिश्वत मांगने की शिकायत लोकांयुक्त संगठन से की थी। जिसके बाद लोकायुक्त की टीम ने चौधरी को ट्रैप किया था। जबकि गुप्ता को जांच के बाद आरोपी बनाया था। इसके बाद लोकायुक्त ने इनकम टैक्स के जो वरिष्ठ अधिकारियों से इन दोनों के खिलाफ चालान की अनुमति मांगी जो कार्यालयों में वर्ष 2023 तक घूमती रही। जैसे-तैसे एक के बाद एक दोनों के खिलाफ अनुमति मिली तो 27 फरवरी 2023 को विशेष न्यायालय सागर में चालान पेश कर दिया गया। तत्कालीन एसपी लोकायुक्त सागर, ने इस बारे में ज्वाइंट कमिश्नर मप्र छग, आयकर भवन, भोपाल को 28 फरवरी 2023 को सूचना-पत्र भेजा। लेकिन अफसरों ने कोई कार्रवाई नहीं की।
फिर तो रसूखदार विभागों के खिलाफ शिकायत ही नहीं होगी
इस मामले के शिकायतकर्ता, रसीद अहमद का कहना है कि मैंने देश हित में हुई नोटबंदी की आड़ में इन भ्रष्ट अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई कराने की हिम्मत दिखाई थी। लोकायुक्त पुलिस ने ने भी तेजी से कार्रवाई कर इन लोगों को पकड़ लिया। लेकिन इसके बाद जब गेंद आयकर विभाग के पाले में गई तो पहले तो चालान पेश करने और अब निलंबन में टाल-मटोल की जा रही है। आयकर जैसे रसूखदार विभागों के खिलाफ कोई कार्रवाई के लिए आगे ही नहीं आएगा। बहुत मुमकिन है कि लोकायुक्त पुलिस के कतिपय अधिकारी भी अज्ञात भय के कारण इन लोगों को निलंबित कराने में रुचि नहीं ले रहे हों। अगर जल्द कार्रवाई नहीं होती है तो मैं, इस बारे में केंद्रीय कार्यालय, आयकर से लेकर पीएमओ तक शिकायत करने में देरी नहीं करूंगा।