नौगांव। इस धरती का जो आवरण है वह धरती, जल, जंगल जीव, जंतु, जानवर जो इसमें रहते हैं वह सब मिलाकर एक प्रकार से यह आवरण है प्रकृति का और यह आवरण हर प्रकार से प्रदूषित हो गया है। हमारी धरती माता हम सबको अपने गोद में समेटे हुए हैं इसके सिवा कहीं पर भी जीवन संभव नहीं है। भले ही लोग कहते हैं कि किसी दूसरे ग्रह पर भी जीवन संभव है लेकिन जीवन के लिए जो आवश्यक तत्व हैं जल, ऑक्सीजन, वायु वह सभी धरती पर ही मिल सकता है। हमारी धरती माता हमें फल, फूल, अनाज,सब्जियां सब देती है यह केवल इसी पृथ्वी पर ही संभव है। इस धरती को हरा भरा और खुशहाल बनाने के लिए हम सबको यह संकल्प लेना चाहिए और सबको जागरूक करना चाहिए कि धरती को भी स्वच्छ रखें और अधिक से अधिक वृक्ष लगाकर इसको संतुलित करें ताकि हमें भरपूर मात्रा में जल और इसके अलावा जीवन के लिए जो अनिवार्य तत्व है वह पूर्ण रूप से मिल सकें। प्रकृति ने हमें अभी तक दिया ही दिया है और दे ही रही है लेकिन अब हमारी बारी है कि उसे हम प्यार, सम्मान और सहानुभूति दें ताकि हमारे कारण यह जो प्राकृतिक संतुलन बिगड़ा है उसमें फिर से सुधार हो सके। वृक्षारोपण में न्यायपालिका के न्यायधीश, वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी के साथ महाविद्यालय के प्रोफेसर व कर्मचारी हुए सम्मिलित। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर नगर के शासकीय बापू महाविद्यालय परिसर में फलदार एवम् छायादार वृक्षों को रोपित किया गया। गौरतलब है महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. एच. डी. अहिरवार ने विकासशील परिवेश में वृक्षारोपण की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए वृक्षों के महत्त्व को बताया। तो वहीं वृक्षारोपण में सम्मिलित हुए आला अधिकारियों एवम् कर्मचारियों के साथ छात्र छात्राओं ने फलदार एवम् छायादार वृक्षों को रोपित कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।