छतरपुर तहसील में नामांतरण एवं सीमांकन के नाम पर हो रहा है भारी भ्रष्टाचार
तीन दिन में तहसीलदार के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी: अपर कलेक्टर
छतरपुर। मप्र शासन के मुख्यमंत्री मोहन यादव के द्वारा राजस्व विभाग के अधिकारियों को नसीहत दी गई कि वह नामांतरण एवं सीमांकन जैसे प्रकरणों का शीघ्र निराकरण करें। जिले के कलेक्टर के द्वारा मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिले भर के राजस्व अधिकारियों को टीएल की बैठक में यह निर्देश दिए गए कि वर्षा आने के पहले सभी सीमांकन किए जाएं और तहसील कार्यालय में लंबित नामांतरण के प्रकरण का निराकरण शीघ्र किया जाए। इस निर्देशों के बाद से ही तहसील र्काालय में पटवारी और नायब तहसीलदार एवं तहसीलदारों की लाटरी सी खुल गई है।
तहसील कार्यालय में इन कामों के नाम पर भारी भ्रष्टाचार किया जा रहा है। बीते रोज घुवारा तहसील के अंतर्गत एक पटवारी के द्वारा सीमांकन के नाम पर 15 हजार रुपए वसूले जिसका ऑडियो वायरल हुआ है। छतरपुर तहसील कार्यालय में भी इस समय नामांतरण एवं सीमांकन कराने के नाम पर भारी भ्रष्टाचार किया जा रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार छतरपुर जिले के बगौता मौजा में कई खसरों के नंबरों पर शासन द्वारा नामांतरणों पर रोक लगाई गई थी उसके बावजूद भी धड़ल्ले से तहसील कार्यालय में मोटी रकम लेकर नामांतरण किए जा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर कई सिविल न्यायालय के प्रकरणों को लंबित रखा गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बगौता मौजा की कई शासकीय भूमि पर आलीशान मकान बनकर तैयार हो गए हैं और उसकी शिकायत होने के बाद भी राजस्व विभाग के अधिकारियों के द्वारा कोई कार्यवाही आज दिनांक तक नहीं की गई है छतरपुर तहसील में जब से रंजना यादव पदस्थ हुई हैं तभी से तहसील कार्यालय में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर किया जा रहा है। समय समय पर अधिवक्ताओं के द्वारा आंदोलन भी किया गया परंतु कोई असर नहीं हुआ। अधिवक्ताओं का कहना है कि छतरपुर तहसील बाबू विहीन है। विगत 6 माह से खंड लेखक विभागीय काम बाबू का कर रहे हैं। बीते रोज छतरपुर एसडीएम अखिल राठौर के द्वारा नायब तहसीलदार और तहसीलदारों को नोटिस जारी किए गए थे कि समय पर तहसील आएं। दरकिनार कर राजस्व अधिकारी मनमानी करने पे उतारू हैं। सूत्रों से जानकारी मिली है देर शाम से देर रात तक नामांतरण के काम किए जाते हैं जिसमें भारी लेनदेन होता है।पेशी वाले नामांतरणों के लगातार पेशियां बढ़ाई जाती हैं और जो पटवारी नामांतरण के लिए लाते हैं वह बेक डेट में नामांतरण कर दिए जाते हैं कलेक्टर बंगले के सामने के कई दुकानें व मकानों के नामांतरण सीधे कर दिए गए हैं जबकि इस मरघटा की जमीन पर कलेक्टर के द्वारा रोक लगाई गई थी और यह मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। कुल मिलाकर जिले के सभी राजस्व न्यायालय में भारी भर्राशाही और भ्रष्टाचार चल रहा है। इस संबंध में कुछ जागरुक लोगों के द्वारा मुख्यमंत्री मोहन यादव से शिकायत भी की गई है।
तहसीलदार रंजना यादव के खिलाफ अधिवक्ता संघ ने शुक्रवार को नाराजगी जताते हुए कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर कलेक्टर के नाम एक ज्ञापन सौंपते हुए उन्हें हटाने की मांग की है। अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष विनोद दीक्षित ने कहा कि विगत रोज अधिवक्ता संघ के कार्यकारिणी सदस्य पवित्र रावत जब किसी काम से तहसील गए थे तब तहसीलदार रंजना यादव के द्वारा उनके साथ अभद्रता की गई। इसके बाद जब अधिवक्ता पवित्र रावत ने संघ के सहसचिव सुनील द्विवेदी से उक्त बात बताई तो सुनील द्विवेदी ने तहसीलदार रंजना यादव से मुलाकात की लेकिन रंजना यादव ने आक्रोशित होकर उनके साथ भी अभद्रता कर डाली।
श्री दीक्षित ने कहा कि तहसीलदार रंजना यादव द्वारा दलाली प्रथा को बढ़ावा देकर, अधिवक्ताओं की न सुनते हुए उनके साथ अभद्रता की जा रही है। श्री दीक्षित ने शुक्रवार को अधिवक्ताओं के साथ कलेक्ट्रेट कार्यालय में प्रदर्शन करते हुए तहसीलदार रंजना यादव के खिलाफ कार्यवाही करने और उन्हें हटाने की मांग को लेकर एक ज्ञापन प्रशासन को सौंपा। इसी तरह अधिवक्ता पवित्र रावत ने बताया कि जब वे तहसीलदार के चेम्बर में गए तो वे आग बबूला हो गईं और मुझ पर बरस पड़ीं। उन्होंने मांग की है कि तहसीलदार रंजना यादव को बर्खास्त किया जाए। अधिवक्ताओं ने कहा कि यदि तहसीलदार को नहीं हटाया जाता तो वे उनके खिलाफ आंदोलन का रास्ता अख्तियार करेंगे।
वहीं कलेक्टर के निर्देश पर अधिवक्ताओं को तीन दिवस में कार्यवाही का आश्वासन दिया गया है। इस अवसर पर जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष विनोद दीक्षित, सचिव आलोक द्विवेदी, कोषाध्यक्ष जितेंद्र मंगली, महिला उपाध्यक्ष रचना त्रिपाठी, उपाध्यक्ष गणेश साहू, हिमांशु चौरसिया, रवि पांडेय, हेमंत शर्मा सहित अन्य अधिवक्ता मौजूद रहे।