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घोटाला और भर्ती प्रक्रिया को लेकर सुर्खियों बना केन्द्रीय सहकारी बैंक


देर रात खुले बैंक में चोरी की आशंका पर पहुंची पुलिस तो निकले बैंक के कर्मचारी, एक अन्य वाहरी होने से मचा हण्कम्प
छतरपुर। सहकारी बैंक इन दिनों जिले से लेकर भोपाल तक चर्चा में है। सहकारी बैंक में हुए नियुक्ति घोटाले की जांच रिपोर्ट आने के बाद से तमाम तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। इसी बीच बैंक पर कब्जा करने वाले राजनैतिक प्रतिनिधियों के बीच भी आरोप-प्रत्यारोप की जंग शुरू हो गई है। इन्हीं विवादों के बीच बीती रात करीब 12 बजे अचानक बैंक का ताला खोला गया और यहां से कुछ दस्तावेज निकाले गए। इस घटना ने कई अफवाहों को जन्म दिया जिस पर सुबह बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आरएस भदौरिया को सफाई देनी पड़ी।
ये है नियुक्ति घोटाले का मामला
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2023 में सहकारी बैंक के अंतर्गत छतरपुर के सहायक समिति प्रबंधकों को समिति प्रबंधक बनाए जाने के लिए भर्तियां खोली गई थीं। लगभग एक साल तक चली इस प्रक्रिया के बाद सहकारी बैंक के द्वारा नियुक्तियां की गईं लेकिन भर्तियां होते ही पूरा प्रक्रिया विवादों में घिर गयी। विभाग को शिकायत मिली कि इस भर्ती प्रक्रिया में रूपयों का लेनदेन कर नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए कई अपात्रों को पद दिए गए। शिकायत के बाद सहकारी संस्थाएं भोपाल के द्वारा जांच के आदेश दिए गए और एक चार सदस्यीय टीम ने अप्रैल 2024 में छतरपुर आकर पूरी प्रक्रिया की जांच-पड़ताल की। इस जांच पड़ताल में जो खुलासे हुए वह चौकाने वाले थे। जांच दल ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि तत्कालीन बैंक अध्यक्ष करूणेन्द्र प्रताप सिंह और बैंक संचालक मण्डल के सदस्य जयकृष्ण चौबे की संदिग्ध भूमिका के अंतर्गत नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए 37 अपात्रों को समिति प्रबंधक बना दिया गया। इस प्रक्रिया में कई खामियां थीं जिसको लेकर नियुक्ति प्रक्रिया को निरस्त करते हुए जांच टीम ने सागर सहकारी सहायक आयुक्त को अपनी रिपोर्ट सौंपते हुए कार्यवाही करने हेतु लिखा था लेकिन जब जांच टीम की रिपोर्ट के बाद भी सागर के सहायक आयुक्त ने कोई कार्यवाही नहीं की तो 12 जून को एक बार फिर सहकारी संस्थाएं के पंजीयक मनोज कुमार सरियाम ने आदेश जारी किया कि इस प्रक्रिया में दोषी पाए गए लोगों के विरूद्ध कार्यवाही की जाए। उधर नियुक्ति प्रक्रिया के दूषित पाए जाने की खबर सामने आते ही दूसरे पक्ष यानि हरिओम अग्रिहोत्री, विद्या अग्रिहोत्री पर भी कई आरोप लगने लगे। कांग्रेस नेत्री दीप्ती पाण्डेय ने डिकोली सहकारी समिति के प्रबंधक हरिओम अग्रिहोत्री पर आरोप लगाए कि उन्होंने 2017 में नियमविरूद्ध तरीके से अपने परिवार के 5 सदस्यों के नाम पर किसान क्रेडिट घोटाला किया है। आरोपों के मुताबिक हरिओम अग्रिहोत्री ने परिवार के पांच सदस्यों के नाम पर निर्धारित लिमिट से अधिक लोन राशि समिति से निकाली और लाखों रूपए का घपला किया। दीप्ती पाण्डेय ने ये शिकायतें ईओडब्ल्यू और मुख्यमंत्री कार्यालय को भी कीं। इन शिकायतों का भी असर तब सामने आया जब कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता केके मिश्रा ने 12 जून को मुख्यमंत्री को टेग करते हुए इस मुद्दे पर एक ट्वीट कर दिया। ट्वीट कर उन्होंने छतरपुर में भाजपा नेताओं द्वारा किए जा रहे सहकारी घोटाले का मुद्दा उठाया। सूत्र बताते हैं कि इसी ट्वीट के बाद सरकार एक्शन में आयी और बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आरएस भदौरिया से डिकोली सहकारी समिति के सभी दस्तावेज तलब किए गए। उनसे हरिओम अग्रिहोत्री से जुड़ी शिकायतों के जांच के कागज भी मांगे गए। कुल मिलाकर छतरपुर में सहकारी संस्था के भीतर दो तरह के घोटाले सामने आए हैं और दोनों ही मामलों में छतरपुर से लेकर भोपाल तक हंगामा मचा हुआ है।
इनका कहना-
सीएम कार्यालय से आए निर्देश के बाद कुछ दस्तावेजों को निकालने के लिए रात के समय कार्यालय खोला गया था। दोनों ही मामलों की जांच चल रही है। वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर कार्यवाही की जाएगी।
आरएस भदौरिया, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, केन्द्रीय सहकारी बैंक, छतरपुर

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