जनपद में पदस्थ एसडीओ पर लगे गंभीर आरोप

नाली निर्माण कार्य की पूर्णता करने के ऐवज में उपाध्यक्ष पति से ली थी चार हजार रूपए की रिश्वत, शिकायत करने के बाद रूपए बापिस करने के लिए उपाध्यक्ष के पास पहुंचा एसडीओ
छतरपुर। जनपद पंचायत में पदस्थ एसडीओ आये दिन विवादों में घिरे रहते है। जिस जनपद में रहते है वहां इनका विवाद होना संभव रहता है। पूर्व में राजनगर जनपद में पदस्थ होने के दौरान इनका विवाद हुआ था। विवाद इतना बढ़ा था कि हाथापाई तक पहुंच गया था। वहां के बाद नौगांव जनपद में भी कमीशन को लेकर विवादों में घिरे रहे है। कुछ माह पहले छतरपुर जनपद की कमान इनके हाथों में आई थी। तभी से सरपंच सचिवों से टीएस करने और पूर्णता लगाने के ऐवज में 2 प्रतिशत से लेकर 5 प्रतिशत तक कमीशन लेने से नहीं मान रहे थे। इसी सिलसिले में जनपद पंचायत उपाध्यक्ष पति रामप्रसाद यादव से एक नाली निर्माण कार्य की पूर्णता लगाने के ऐवज में आठ हजार रूपए मांगे गए थे। उपाध्यक्ष एसडीओ केएस खरे के निवास पर पहुंचे और 4 हजार रूपए दिए थे। उसके बाद शेष बचे चार हजार रूपए भी मांगे जा रहे थे। तब उपाध्यक्ष ने इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से करना उचित समझी। शिकायत होते ही एसडीओ केएस खरे मंगलवार को उपाध्यक्ष के चै बर में पहुंचा और उपाध्यक्ष पति को 4 हजार रूपए की ली गई रिश्वत को बापिस करने लगा। लेकिन उपाध्यक्ष पति ने रिश्वत के दिए रूपए बापिस नहीं लिए है।
घर पर लेता है कमीशन-
शिकायती करते हुए उपाध्यक्ष पति ने बताया कि एसडीओ केएस खरे सरपंच सचिवों को अपने ग्रेनएवन्यू कॉलोनी स्थित निवास पर सुबह शाम बुलाता है। निर्माण कार्यो की फाईल का टीएस करने के ऐवज में पहले रिश्वत लेता है उसके बाद जब सरपंच सचिव निर्माण कार्य की पूर्णता के लिए पहुंचता है तो मोटी रिश्वत लेने के पहले पूर्णता नहीं लगाता है। जब उनको सरपंच के द्वारा रिश्वत प्रदान की जाती है तब कहीं पूर्णता लगाया जाता है। साथ ही जनपद पंचायत सीईओ अजय सिंह और जिला पंचायत सीईओ तपस्या सिंह की छबि को धूमिल कर रहा है।
आए दिन विवादों में घिरे रहते एसडीओ-
उपाध्यक्ष पति ने जानकारी देते हुए बताया कि विगत वर्ष पहले एसडीओ केएस खरे राजनगर जनपद पंचायत में पदस्थ थे। उनके द्वारा खुलेआम सरपंच सचिवों से 2 से लेकर 5 प्रतिशत तक का कमीशन लिया जाता रहा है। उसी को लेकर वहां पर आये दिन विवाद भी होते रहे है। विवादों के कारण उनका वहां से स्थानांतरण नौगांव हो गया था। इसी प्रकार से श्री खरे द्वारा नौगांव में कमीशनखोरी की जाती रही है। इसके बाद उनको छतरपुर जनपद की कमान मिली और यहां आते ही उनके द्वारा कमीशन का खेल खेलना शुरू कर दिया था। इसी सिलसिले में मेरे से नाली निर्माण की पूर्णता के ऐवज में आठ हजार रूपए की रिश्वत मांगी गई थी। काफी प्रयास के बाद 4 हजार रूपए दिए तब कहीं जाकर पूर्णता की कार्रवाई की गई थी।
उपाध्यक्ष को भी नहीं छोड़ा-
जनपद पंचायत छतरपुर उपाध्यक्ष पति रामप्रसाद यादव ने विगत माह पहले पंचायत को एंजेंसी बनाकर नाली निर्माण कार्य कराया था। नाली निर्माण कार्य को लेकर एसडीओ द्वारा टीएस कराने के ऐवज में रिश्वत मांगी गई थी। निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद उपाध्यक्ष पति ने रिश्वत देने की बात कहीं थी। निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद उपाध्यक्ष पति ने कार्य में पूर्णता लगाने के लिए आग्रह किया तो एसडीओ ने आठ हजार रूपए की रिश्वत मांगी थी। जब पूर्णता नहीं लगाई गई तो उपाध्यक्ष पति रामप्रसाद यादव 4 हजार रूपए लेकर उनके निवास पर पहुंचा और पूर्णता लगाने का आग्रह किया। तब साहब ने आठ हजार मांगे लेकिन चार हजार बाद में दिए जाने की बात स्वीकार हो गई। तब कहीं जाकर एसडीओ केएस खरे ने नाली निर्माण कार्य की पूर्णता लगाई।
इनका कहना है-
मेरे पास जानकारी नहीं है अगर एसडीओ ने पूर्णता लगाने के ऐवज में चार हजार रूपए लिए है तो उसकी जांच कराई जायेगी। अगर जांच में पाया जाता है तो वैधानिक कार्रवाई की जायेगी।
अजय सिंह, सीईओ, जनपद पंचायत, छतरपुर
मेरे द्वारा किसी भी प्रकार का कमीशन नहीं लिया जाता है। उपाध्यक्ष ने किसको रिश्वत के रूप में चार हजार दिए यह मुझे मालूम नहीं है। मैं उपाध्यक्ष के चै बर में गया था लेकिन रूपए बापिस की कोई बात नहीं हुई है। मुझे फंसाया जा रहा है।
केएस खरे, एसडीओ, जनपद छतरपुर

Comments

Popular posts from this blog

डंडे से मारकर छतरपुर के पूर्व विधायक अलोक चतुर्वेदी को साधु ने मंदिर से बाहर निकाला

छतरपुर कलेक्टर को भोपाल मानव अधिकार आयोग ने किया उचित कार्यवाही करने का नोटस जारी

फिल्मी तर्ज पर अपराधियों पर शिकंजा कसने में जुटे एसडीओपी चंचलेश मरकाम