पूर्व में हुए निर्माण कार्याे पर राजस्व ने तलब किए थे नोटिस
घुवारा। शासन द्वारा प्रस्तावित फोर लेन का मुआवजा प्राप्त करने भूमाफिया सिंडीकेट पूरी तैयारी में है किन्तु इनके इन अवैध निर्माणों को हटाने साल भर पहले जारी किए गए नोटिस अब तक तामील नहीं हो पाए हैं क्या प्रशानिक ऐसी ही उदासीनता आम आदमी द्वारा किए गये अतिक्रमण को लेकर बरतता रहेगा।
जानकारी के मुताबिक पूर्व मे घुवारा तहसील में पदस्थ रहे तहसीलदार द्वारा सड़वा ग्राम के पास नेशनल हाईवे से लगी जमीन पर निर्माण कार्यों पर लगी रोक के बाबजूद ढाबे के निर्माण का काम करा रहा था। वहीं बड़ामलहरा में वर्तमान में सदर पटवारी द्वारा बमनी तिराहे पर जमीन खरीदकर निर्माण कार्य करवाया। इस बाबत समाचार पत्रों में इस अवैध निर्माण के संबंध में खबरें प्रकाशित हुई थी। जिस पर नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट के अधिकारियों द्वारा मौके का निरीक्षण किया था। जिसमें अवैध निर्माण होना पाया गया था। जिसकी सूचना उन्होंने अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को दी। इस सूचना पर कार्यवाही करते हुए अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के द्वारा घुवारा तहसील में तहसीलदार के पद पर पदस्थ रहे नायब तहसीलदार सुनील बाल्मीकि के भाई सुमित बाल्मीकि पिता चंद्रभान बाल्मीकि निवासी पलेरा जिला टीकमगढ़ को एवं अन्य चार अवैध निर्माण करने वालों को तीन दिवस के अंदर अपना अपना अवैध निर्माण हटाने के नोटिस जारी किए गये थे।
ये रहा पूरा मामला।
शासकीय रिकार्ड के अनुसार सुनील बाल्मीकि 02 दिसम्बर 2020 से 30 मई 22 तक सड़वा राजस्व सर्किल में पदस्थ रहे। इसी दौरान सबसे अधिक कृषि भूमि के व्यवसायिक डायवर्सन हुए हैं। यहां पर गौरतलब है कि फोर लेन के सर्वे होने के बाद शासन द्वारा ऐसा आदेश जारी किया गया था कि जहां से फोर लेन मार्ग प्रस्तावित है उन ग्रामों की जमीनों के क्रय विक्रय एवं डायवर्सन पर रोक लगा दी गई थी। किन्तु शासन के उक्त आदेश को ताक पर रखकर बड़ामलहरा में नायब तहसीलदार रहते हुए सुनील बाल्मीकि ने अपने भाई सुमित बाल्मीकि के नाम सड़वा में और सदर पटवारी होशियार सिंह ने बमनी तिराहे पर अपनी मां के नाम, नेशनल हाईवे पर गुफा सरकार के सामने एक भूमाफिया साथ मिलकर एक एकड़ जमीन खरीदी तथा उसका व्यवसायिक डायवर्सन भी करा लिया। जहां एक ओर अन्य लोगों की जमीनों के क्रय विक्रय पर प्रतिबंध लगा हुआ था। वहीं तहसीलदार के भाई के नाम पर जमीन की रजिस्ट्री हुई और डायवर्सन भी हो गया।
फोर लाईन के मुआवजा को लकर सजग हुए लोग
तहसीलदार सुनील बाल्मीकि द्वारा नायब तहसीलदार बड़ामलहरा रहते हुए तहसील अंतर्गत ग्राम सड़वा में नेशनल हाईवे क्रमांक 86 से लगी एक एकड़ जमीन जहां से फोर लेन प्रस्तावित है एवं यह हल्का जहां पर शासन द्वारा जमीनों की खरीदी विक्री पर रोक लगाई गई थी अपने भाई सुमित बाल्मीकि पिता चंद्रभान बाल्मीकि के नाम खसरा नंबर 888/1/2 खरीदकर स्वयं अपने नायब तहसीलदार कार्यालय से प्रकरण क्रमांक 0680/अ-6(अ) 2021-22 के अनुसार अधतित कर व्यावसायिक परिवर्तन करा दिया जिसका चालान कृमांक 22028012125 है जिसकी पुष्टि उपखंड अधिकारी द्वारा दिनांक 21 अप्रैल 22 को की गई। तथा अनुविभागीय अधिकारी के प्रकरण क्रमांक 0680/अ-2 2021-22 आदेश दिनांक 21अप्रैल 2022 के द्वारा उक्त कृषि भूमि को शासन के आदेश की अवहेलना करते हुए व्यवसायिक डायवर्सन भी कर दिया गया।
मॉ के नाम कराई पटवारी ने जमीन
बड़ामलहरा सदर पटवारी होशियार सिंह भी इस मामले में पीछे नहीं रहे और अपनी माता सोना देवी के नाम आदिवासी की जमीन खरीदकर सारे नियमों को दरकिनार करते नाम करा ली और मुआवजा की लालसा में ढाबा का निर्माण करा लिया गया। उक्त पटवारी ने विक्रय पत्र क्रमांक एमपी0647022ए11275654 खसरा नंबर 1/1 शा.नं. 2,14/1 शा.न.15 कुल किता 03 रकबा 0.846 हैक्टेयर की रजिस्ट्री इमरत सौर पिता प्रभु सौर से दिनांक 17.05 24 को करा ली।यहां पर उल्लेखनीय यह है कि नेशनल हाईवे 86 पर प्रस्तावित फोर लेन के नोटिफिकेशन के बाद सभी इस हाईवे से लगी भूमि के क्रय विक्रय एवं निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी गई थी। जिसके चलते आम लोगों ने कोई निर्माण कार्य नहीं कराये किंतु कानून का पालन करवाने कानून को तोडऩे में पीछे नहीं रहे और उन्होंने ही सबसे ज्यादा जमीन इस हाईवे पर खरीदी और निर्माण कार्य भी कराए है।
इनका कहना है
जिस समय नोटिस तामील हुए थे मैं यहां पदस्थ नहीं था। कार्यलय में नोटिस दिखवाता हूं जो कार्यवाही शेष होगी नियमानुसार पूरी करवाई जायेगी।
प्रशांत अग्रवाल, एसडीएम, बड़ामलहरा