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खुलेआम बरस रहीं गोलियों से दहशत में जिलेवासी, लोकसभा चुनाव बना चुनौती

 


नवागत पुलिस अधीक्षक को चुनौती बनी जिले की कानून व्यवस्था

छतरपुर। विगत माह पहले जिला पुलिस अधीक्षक रहे अमित सांघी का डीआईजी पद पर प्रमोशन हो गया था। प्रमोशन होते ही श्री सांघी की कानून व्यवस्था से दूरियां बनने लगीं थीं। इसी का फायदा जिले के अपराधियों ने तुरंत उठाना शुरू कर दिया था। शहर में धाय-धाय गोलियां चलने लगीं थीं। इसी बीच मार्च माह में नवागत पुलिस अधीक्षक की कमान अगम जैन को मिली। नवागत पुलिस अधीक्षक ने जैसे ही बदभार ग्रहण किया उसके ठीक दूसरे दिन लोकसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता लागू हो गई थी। इसलिए नवागत पुलिस अधीक्षक जिले के बारे में कुछ समझ पाते तब तक उनको लोकसभा चुनाव की जिम्मेदारी मिल गई थी। लेकिन पुलिस अधीक्षक लोकसभा चुनाव को देखते हुए जिले की  कानून व्यवस्था को अपने कब्जे में नहीं ले सके। शहर सहित पूरे जिले मे ंगोलियों की गडग़ड़ाहट से पूरा जिला सहमा हुआ है। विगत तीन माह से शहर में व्यापारियों सहित किसी ने किसी को अपराधियों द्वारा निशाना बनाया जाता है और मौत के घाट उतार दिया जाता है। लेकिन पुलिस प्रशासन द्वारा आरोपियों की गिरफ्तारी करते हुए मीडिया के सामने खुलासा करने का काम बहुत अच्छी तरह से किया जाता है। लेकिन जिले की बिगड़ी कानून व्यवस्था पर पुलिस प्रशासन अंकुश नहीं लगा पा रही है। जिले में चल रही गोलियां और हो रहे अपराधों से अंदाजा यही लगाया जा सकता है कि नवागत पुलिस अधीक्षक जिले की कानून व्यवस्था को अपने कब्जे में नहीं ले पा रहे हैं।
तीन माह में चली गोलियां
जानकारी के अनुसार तीन माह में जिले में गोलियां बरस रहीं हैं। इन गोलियों का शिकार कोई न कोई व्यक्ति को होना पड़ रहा है। पूर्व पुलिस अधीक्षक के डीआईजी पद पर पदस्थ होने के बाद से ही गोलियां बरसना शुरू हो गईं थीं। नवागत पुलिस अधीक्षक के आने के बाद भी गोलियां बरसना बंद नहीं हुई। पूरे जिले की तो बात दूर पहले शहर को देखा जाए तो सिविल लाईन थाना क्षेत्र सागर रोड़ स्थित महेन्द्र गुप्ता की हत्या हुई। जिसमें एक आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। उसके ठीक कुछ दिन बाद कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत एक नाबालिग के पैर में गोली मारी गई। साथ ही होली जैसे त्यौहार के दौरान कोतवाली थाना क्षेत्र में जमीन व्यापारी श्री शुक्ला की गोली मार कर हत्या कर दी। इस प्रकार से अगर देखा जाए तो पूरे जिले में कई ऐसे गोली काण्ड से लेकर अन्य जघन्य अपराध हुए है जिसको लेकर पूरे जिलेवासी काफी दहशत में बने हुए है।
पुलिस की कानून व्यवस्था लडख़डाई
देश प्रदेश सहित जिले में अगर लोकसभा चुनाव को देखा जाये तो अप्रैल माह की 26 तारीख को मतदान होना है। इतने नजदीक लोकसभा का मतदान होने के बावजूद भी जिले की कानून व्यवस्था पर पुलिस काबू नहीं पा रही है। अगर इसी प्रकार पुलिस प्रशासन की कानून व्यवस्था लडख़ड़ानी रही तो आने वाले लोकसभा चुनाव में क्या हो सकता है इसका कयास जिले की जनता नहीं लगा पा रही है। पूरे जिले में शराब की तस्करी बेपरवाह चल रही है। इससे साफ अनुमान लगाया जा सकता है कि या तो पुलिस प्रशासन जिले की कानून व्यवस्था पर ध्यान नहीं दे रही है या फिर अपरोधियों पर अंकुश नहीं लगा पा रही है। लोक कयास यह भी लगा रहे है कि नवागत पुलिस अधीक्षक अगम जैन अगर समय रहते लडख़ड़ाई कानून व्यवस्था पर अंकुश नहीं लगाते है तो आने वाले समय में बेगुनाहों की इसी प्रकार जाने जाती रहेंगी और अपराधियों के हौसले और बुलंद होते रहेंगे।
इनका कहना है।
जिले में क्या हो रहा है सभी पर नजर बनाए हुए है। अवैध शराब पर काबू पाने के लिए पुलिस प्रशासन मुहिम चलाकर कार्रवाई कर रही है। साथ ही आरोपियोंं पर अंकुश लगाने के लिए पूरी तरह से पुलिस प्रशासन लगा हुआ है। लोकसभा चुनाव को देखते हुए जिले की सभी अपराधिक गतिविधियों पर बराबर अंकुश लगाया जा रहा है।
अगम जैन, जिला पुलिस अधीक्षक, छतरपुर  
 

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