महाराजपुर। भले ही भारत सरकार से लेकर राज्य सरकार तक हर गांव को विकास की प्रमुख धारा से जोड़कर नए आयाम पर ले जाने के लिए प्रयासरत है लेकिन जब तक गांव का विकास सही तरीके से नहीं होगा तब तक हमारा देश डिजिटल इंडिया कैसे बन पाएगा। ग्रामीणों की सुविधाओं के लिए सरकार गारंटी की गारंटी देता है वहीं ग्रामीण सुविधाओं और योजनाओं के लिए भटक भी रहे हैं।
ताजा मामला महाराजपुर तहसील क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत दिलनिया का है जहां पर ग्रामीणों की सुविधाओं के लिए भारतीय स्टेट बैंक के द्वारा कियोस्क बैंक विक्रम ङ्क्षसह परिहार द्वारा संचालित की गई थी लेकिन बैंक की सुविधा ग्रामीणों को आज तक नहीं मिली क्योंकि कियोस्क संचालक दिलनियां गांव के नाम से कियोस्क निवारी गांव में खोले है जो कि छतरपुर विधानसभा में आता है और जिसकी जानकारी मौखिक रूप से गांव वालों ने कई बार शाखा प्रबंधक को भी दी लेकिन आज तक न तो बैंक ने कार्यवाही की न ही ग्रामीणों को एसबीआई कियोस्क का लाभ मिला।
गांव के कई विकलांग और वृद्धावस्था पेंशन पाने वाले सैकड़ों लोगों को महाराजपुर आना पड़ता है जबकि गांव से ना तो आने के लिए कोई बस सुविधा है न ही सभी के पास निजी वाहन है कि उसके द्वारा महाराजपुर आया जा सके। शाखा पर लोगों को आने में परेशानी न हो इस उद्देश्य से बैंको द्वारा गांव में यह कियोस्क संचालित करवाई जा रही थी लेकिन कियोस्क संचालक अपनी मनमानी पर उतारू हंै। यही हाल कई ग्रामीण कियोस्क बैंको का है जो गांव के नाम पर शुरू होती है और संचालित नगरीय क्षेत्र में होती है।