नई दिल्ली । शाहपुरकंडी बांध बनकर तैयार हो गया है, इससे
पंजाब की बंजर हो रही 37 हजार हेक्टेयर जमीन पर जल्द ही सिंचाई होने
लगेगी। यह बांध केंद्र सरकार के सहयोग से बनकर तैयार हो गया है। इस बांध के
बनने के बाद रावी नदी का जो पानी बहकर पाकिस्तान जाता था वो अब हमारी
जमीनों को उपजाऊ बनाएगा। इस पानी का उपयोग किसान सिंचाई के लिए करेंगे।
इसका सबसे ज्यादा फायदा जम्मू के कठुआ और सांबा जिले में मौजूद 32,000
हेक्टेयर से अधिक भूमि को लाभ होगा। बता दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच
1960 में सिंधु जल संधि हुई थी। जिसके बाद रावी, सतलुज और ब्यास तीनों
नदियों के पानी पर भारत का अधिकार था। वहीं सिंधु, झेल और चिनाब नदियों के
पानी पर पाकिस्तान का हक है। हालांकि बांध बनने से पहले रावी नदी का पानी
बहकर पाकिस्तान जा रहा था। ऐसे में अब जब रावी नदी पर बांध बन गया है उसका
पूरा पानी भारत में सिंचाई और बिजली बनाने में उपयोग होगा।
बता दें कि रावी नदी का लगभग 2 मिलियन एकड़ फीट पानी अभी भी माधोपुर के
नीचे पाकिस्तान में बिना उपयोग के बह रहा है। जिसे अब भारत अपने लाभ के लिए
इस्तेमाल करेगा। हालांकि रावी नदी भारत और पाकिस्तान दोनों देशों में
बहती है। इसका उद्गम भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य में रोहतांग दर्रे के पास
है। हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, और पंजाब से होकर यह नदी पाकिस्तान
में प्रवेश करती है। जो कि हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, पंजाब, और
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत से होकर बहती है।