छतरपुर।
पिछले दो दिनों से मौसम में लगातार हो रहे परिवर्तन के बाद मंगलवार की
सुबह जिले के कई इलाकों में आसमानी आफत बरसने की खबरें सामने आईं। इस
ओलावृष्टि में सैकड़ों किसानों की फसलें तबाह हो गई हैं। इस नुकसान को
संज्ञान में लेकर कलेक्टर ने अधिकारियों को सर्वे के निर्देश देते हुए
किसानों को आश्वासन दिया है कि सर्वे के उपरांत नुकसान का आंकलन करके
किसानों को राहत राशि दिलाई जाएगी।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक मंगलवार
की सुबह से जिले के गढ़ीमलहरा, महाराजपुर के अलावा राजनगर जनपद के ग्राम
झमटुली, बमीठा, गढ़ा बागेश्वर धाम, कटारा, ओंटा पुरवा, पिपरिया, बरदयाऊ,
डिगनिया, कोंडऩ सहित दर्जनों गांवों से ओलावृष्टि हुई। मौसम विभाग के
अनुसार बुधवार के बाद मौसम साफ होने के संकेत हैं। मंगलवार को हुई
ओलावृष्टि, तेज हवा और बारिश से किसानों की फसलों में भारी नुकसान हुआ है।
ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों ने शासन-प्रशासन से सर्वे करवाकर मुआवजा
दिलाने की मांग की। वहीं कलेक्टर संदीप जी आर ने भी तत्काल सभी अनुविभाग के
अधिकारियों को ओलावृष्टि से प्रभावित हुई फसलों का निरीक्षण करते हुए
सर्वे दलों से सर्वे कराने के निर्देश दिए। उल्लेखनीय है कि इस समय रबी की
फसल खेतों में खड़ी है, कुछ फसलें पक चुकी हैं और कुछ पकने की स्थिति में
हैं। ऐसी स्थिति में आसमानी आफत आने से, इसका खामियाजा किसान को भुगतना पड़
रहा है।
पूर्वी और उत्तरी हवाओं के कारण मौसम में हुआ परिवर्तन-
खजुराहो
स्थित मौसम विभाग में पदस्थ आरएस परिहार ने बताया कि पूर्वी और उत्तरी
हवाओं के कारण मौसम में परिवर्तन हुआ है। पश्चिमी विक्षोभ के कारण फिर से
पूर्वी मप्र और बुन्देलखण्ड के क्षेत्र में मौसम में बदलाव हुआ है। आमतौर
पर फरवरी में पाकिस्तान और ईरान के क्षेत्र में इस तरह का मौसम रहता था।
हवा के रूख की वजह से कई वर्षों बाद फरवरी में बादल और बारिश का दौर चल रहा
है। उल्लेखनीय है कि एक सप्ताह पहले हरपालपुर क्षेत्र में ओलावृष्टि हुई
थी तथा करीब एक पखवाड़ा पहले राजनगर और चंदला क्षेत्र में बारिश के साथ ओले
गिरे थे। आसमान में जैसे ही बादल दिखाई देते हैं वैसे ही किसान के माथे
में चिंता की लकीरें दिखने लगती हैं। क्योंकि दिन-रात मेहनत कर किसान फसल
तैयार करते हैं मगर मौसम का साथ न मिलने से उन्हें विपत्तियों से जूझना
पड़ता है।
25 प्रतिशत से अधिक नुकसान पर मिलेगी राहत राशि
भू-अभिलेख
अधीक्षक आदित्य सोनकिया ने बताया कि मंगलवार की सुबह जिले के विभिन्न
अंचलों से ओलावृष्टि की सूचनाएं प्राप्त हुई हैं। अभी तक छतरपुर जिले की
समस्त 6 तहसीलों के 31 गांवों में आलोवृष्टि हुई है। कलेक्टर के
निर्देशानुसार सर्वे दल गठित कर नुकसान के आंकलन हेतु रवाना किए गए हैं।
गठित किए गए सर्वे दलों में पटवारी, तहसील विभाग के अधिकारी-कर्मचारी,
पंचायतों के सचिव और कोटवारों को शामिल हैं। जैसे ही सर्वे रिपोर्ट तैयार
होगी, वैसे ही राहत राशि देने का कार्य शुरु किया जाएगा। श्री सोनकिया ने
बताया कि जिन किसानों को 25 प्रतिशत से अधिक क्षति हुई है, उन्हें राहत
राशि देने का प्रावधान है, इसी आधार पर राहत राशि देने का कार्य किया
जाएगा।