लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे डेयरी संचालक,छतरपुर जिला मुख्यालय सहित संपूर्ण जिले में मिलावटखोरी का गोरखधंधा चरम पर है और इसका कारण है कि मिलावट पर रोक लगाने के लिए जिम्मेदार खाद्य एवं औषधि विभाग के अधिकारी-कर्मचारी अपना काम ईमानदारी से नहीं कर रहे
छतरपुर। इन दिनों छतरपुर जिला मुख्यालय सहित संपूर्ण जिले में मिलावटखोरी का गोरखधंधा चरम पर है और इसका कारण है कि मिलावट पर रोक लगाने के लिए जिम्मेदार खाद्य एवं औषधि विभाग के अधिकारी-कर्मचारी अपना काम ईमानदारी से नहीं कर रहे हैं। सबसे ज्यादा मिलावटी सामग्री का विक्रय डेयरी संचालकों द्वारा किया जा रहा है।
ताजा मामला छतरपुर शहर के बस स्टैंड के समीप स्थित डेयरी का है, जिसका संचालक धड़ल्ले से लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। बताया गया है कि इस डेयरी का संचालक 250 से 300 रुपए किलो में जिस घी को बेच रहा है वह मिलावटयुक्त और लोगों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इस बात की पुष्टि नाम न छापने की शर्त पर इसी डेयरी पर काम करने वाले एक व्यक्ति ने की है। उक्त व्यक्ति की मानें तो डेयरी संचालक रिफाइंड में कैमिकल मिलाकर यह घी तैयार करता है, जिसका सेवन करने से लोग बीमार हो रहे हैं। यह भी पता चला है कि पूर्व में जब खाद्य एवं औषधि विभाग की टीम इस डेयरी पर कार्यवाही करने पहुंची तो संचालक ने टीम को नजरारा भेंट कर दिया, जिसके चलते टीम कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति कर वापिस लौट गई और डेयरी संचालक का यह कारनामा एक बार फिर शुरु हो गया।
उल्लेखनीय है कि जिला मुख्यालय पर संचालित कई डेयरी के संचालकों द्वारा अपने प्रतिष्ठानों से मिलावटी घी, दूध, मावा सहित अन्य सामग्री का धड़ल्ले से विक्रय कर रहे हैं। बावजूद इसके खाद्य एवं औषधि विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को इन डेयरी की जांच करने का समय नहीं मिल रहा है, या फिर यूं कहें कि विभागीय अधिकारी जानबूझकर जांच नहीं कर रहे हैं। चर्चा है कि मिलावट युक्त खाद्य सामग्री का विक्रय मरने वाले प्रतिष्ठान संचालक जांच अधिकारियों को मासिक शुल्क प्रदान करते हैं जिसके चलते अधिकारी कभी भी जांच नहीं करते और यह कारोबार धड़ल्ले से संचालित हो रहा है। आवश्यकता है कि कलेक्टर संदीप जी आर इस मामले को संज्ञान में लेकर मामले की जांच कराएं और जिम्मेदार अधिकारियों को निर्देश देकर सख्त कार्यवाही कराएं ताकि लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वाले लालची कारोबारियों में खौफ पैदा हो।
ताजा मामला छतरपुर शहर के बस स्टैंड के समीप स्थित डेयरी का है, जिसका संचालक धड़ल्ले से लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। बताया गया है कि इस डेयरी का संचालक 250 से 300 रुपए किलो में जिस घी को बेच रहा है वह मिलावटयुक्त और लोगों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इस बात की पुष्टि नाम न छापने की शर्त पर इसी डेयरी पर काम करने वाले एक व्यक्ति ने की है। उक्त व्यक्ति की मानें तो डेयरी संचालक रिफाइंड में कैमिकल मिलाकर यह घी तैयार करता है, जिसका सेवन करने से लोग बीमार हो रहे हैं। यह भी पता चला है कि पूर्व में जब खाद्य एवं औषधि विभाग की टीम इस डेयरी पर कार्यवाही करने पहुंची तो संचालक ने टीम को नजरारा भेंट कर दिया, जिसके चलते टीम कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति कर वापिस लौट गई और डेयरी संचालक का यह कारनामा एक बार फिर शुरु हो गया।
उल्लेखनीय है कि जिला मुख्यालय पर संचालित कई डेयरी के संचालकों द्वारा अपने प्रतिष्ठानों से मिलावटी घी, दूध, मावा सहित अन्य सामग्री का धड़ल्ले से विक्रय कर रहे हैं। बावजूद इसके खाद्य एवं औषधि विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को इन डेयरी की जांच करने का समय नहीं मिल रहा है, या फिर यूं कहें कि विभागीय अधिकारी जानबूझकर जांच नहीं कर रहे हैं। चर्चा है कि मिलावट युक्त खाद्य सामग्री का विक्रय मरने वाले प्रतिष्ठान संचालक जांच अधिकारियों को मासिक शुल्क प्रदान करते हैं जिसके चलते अधिकारी कभी भी जांच नहीं करते और यह कारोबार धड़ल्ले से संचालित हो रहा है। आवश्यकता है कि कलेक्टर संदीप जी आर इस मामले को संज्ञान में लेकर मामले की जांच कराएं और जिम्मेदार अधिकारियों को निर्देश देकर सख्त कार्यवाही कराएं ताकि लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वाले लालची कारोबारियों में खौफ पैदा हो।