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ऑनलाइन सट्टा से तबाह होते परिवार




देश सचमुच बदल रहा है। जहाँ कानूनी रूप से अवैध माने जाने वाले सट्टा को वेधानिक बना दिया गया है। क्या यह समझा जाये कि हर साल दो करोड़ लोगो को रोजगार देने का वादा करने वाली मोदी सरकार ने रोजगार का नायाब तरीका ऑनलाइन सट्टे में खोज निकाला है? देखा और समझा तो यही जा रहा है। टेलीविजन और प्रमुख समाचार पत्रों में देश के नामचीन चेहरे ऑनलाइन सट्टा का विज्ञापन करते नजर आ रहे है। इस सट्टे ने कई परिवार बर्बाद कर दिये, उस सट्टे पर मोदी सरकार की मोहर? बेहद खतरनाक और पीढ़ियों को बर्बाद करने की कोशिश के सिवाय कुछ नहीं। मातम मनता है किसी परिवार में और सट्टा किंग बनता है कोई ओर। देश में आईपीएल चल रहा है। जिसके साथ टेलीविजन और प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में ऑनलाइन सट्टा के विज्ञापन छाये हुए है। वह प्रचार प्रसार जो ऑनलाइन सट्टा खेलने के लिये देश की जनता को उकसा रहा है। कानूनी तौर पर सट्टा अपराध है। सटोरियों के खिलाफ पुलिस की कार्यवाहिया संज्ञान में आती रहती है। पर्ची वाला सट्टा अपराध है तो ऑनलाइन सट्टा पर रोक क्यों नहीं? जबकि देश के खिलाडी, अभिनेता तक ऑनलाइन सट्टे का प्रचार प्रसार कर वेधानिकता प्रदान कर रहे है। इन दिनों आईपीएल क्रिकेट मैच चल रहे है। जिसमे सट्टा लगाने की केंद्र सरकार ने सहमति दे रखी है। हालात इतने गंभीर है कि ख़ासकर युवा पीढ़ी इस ऑनलाइन सट्टा में झोंक दी गई है। शार्टकट तरीके से दौलतमंद होने की चाह कई परिवारों को बर्बाद कर चुकी है। जैसे कहा जाता है कि जुआ किसी का नहीं हुआ, हुआ तो नाल वाले का हुआ यानि जुआ खेलने वाला बर्बाद होता है और जुआ खिलवाने वाला दौलतमंद हो जाता है। इसी तरह सट्टा खिलाने वाला चमक रहा और खेलने वाला जहर पी रहा है। अरबो रूपये के इस अवैध कारोबार को वेधानिक करने का नतीजा है कि करोडो रूपये मात्र विज्ञापन पर खर्च किये जा रहे है। हालांकि गेमिंग को वैध मानते हुए केंद्र सरकार ने कुछ गाइड लाइन तय की है। जिसमे वेधानिक गेमिंग प्लेटफार्म से ही ऑनलाइन गेमिंग खेलना तय किया गया है। इसलिए कई गेमिंग कम्पनीय प्रचार प्रसार कर लोगो को आकर्षित कर रही है। इस आढ़ में फर्जी आई डी बनाकर करोडो रूपये का अवैध कारोबार किया जा रहा है। जो जिम्मेदार पुलिस तंत्र के संज्ञान में भी है। कार्यवाही क्यों नहीं होती, इसे लेकर बीजेपी के एक दिवंगत नेता का डॉयलॉग मशहूर हुआ था कि "पैसा खुदा तो नहीं पर खुदा की कसम, खुदा से कम भी नहीं"। पुलिस भी इस डॉयलॉग से साफ प्रभावित दिखाई देती है। गेमिंग कहे या बोलचाल की भाषा में सट्टा कहे, जिसे वेधानिक करार दे दिया गया है। आईपीएल मैच के दौरान यह सट्टा किंगो के लिये उत्स्व से कम नहीं। हार के बाद जीतने की लालसा में दांव पर दांव लगाने के स्वभाव ने कई परिवारों के जीवन को तबाह कर दिया, सदमे और कर्ज के कारण कई लोग मौत को गले लगा चुके है। दूसरी तरफ गेमिंग या सट्टा के बादशाहो के लिये यह पर्व जो मातम में भी जश्न मना रहे है क्योंकि सरकार युवाओं को रोजगार तो नहीं दिला पाई पर उसने युवा पीढ़ी को ऑनलाइन सट्टा खिलवाना जरूर सीखा दिया है।



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