छतरपुर। जिला अस्पताल के प्रसव वार्ड में 6 दिसम्बर की रात करीब 2 बजे नौगांव थाना क्षेत्र के ग्राम कुलवारा से आयी एक गर्भवती महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। महिला का नाम नीलम कुशवाहा पत्नि अरविंद कुशवाहा था। मौत के बाद महिला के परिजनों ने आरोप लगाए थे कि अस्पताल में रूपए न देने के कारण महिला के इलाज में लापरवाही बरती गई जिसके कारण उसकी मौत हो गई। यह खबर सामने आने के बाद अस्पताल प्रबंधन में हडक़ंप है।8 दिसम्बर को सिविल सर्जन डॉ. जीएल अहिरवार ने जिला अस्पताल में पदस्थ सभी स्त्री रोग विशेषज्ञों एवं स्टाफ के साथ बैठक करते हुए उन्हें कड़े निर्देश दिए। डॉ. जीएल अहिरवार ने कहा कि अस्पताल में यदि किसी मरीज या उसके परिजन के साथ इलाज में लापरवाही की गई अथवा प्रसव के बाद स्टाफ के द्वारा इनाम या रूपयों की मांग की गई तो उनके विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी। हालांकि इस बैठक में महिला नीलम कुशवाहा की मौत की जांच रिपोर्ट भी रखी गई। इस रिपोर्ट के माध्यम से अस्पताल प्रबंधन ने कहा कि नीलम कुशवाहा की मौत इलाज में लापरवाही के कारण नहीं बल्कि रोग की परिस्थितियों के कारण हुई।
परिवार ने छिपायी रोग की हिस्ट्री जिससे हुई मौत-
जिला अस्पताल में पदस्थ एवं घटना दिनांक को ड्यूृटी पर तैनात डॉ. निधि खरे ने कहा कि नीलम कुशवाहा की मौत इलाज में लापरवाही के कारण नहीं हुई बल्कि उसके परिवार के द्वारा बीमारी का इतिहास छिपाने और रोग की परिस्थितियों के कारण हुई है। डॉ. निधि खरे ने कहा कि जिला अस्पताल में आने के पहले नीलम के परिजन उसे प्रेमरूपा नर्सिंग होम लेकर गए थे जहां से महिला को रिफर किया गया था क्योंकि महिला को हृदय संबंधी बीमारी थी। इसके बाद परिजन उसे मिशन अस्पताल लेकर पहुंचे, मिशन अस्पताल में इलाज महंगा होने के कारण वे इस महिला को लेकर रात 2 बजे जिला अस्पताल पहुंचे थे। यहां मरीज के परिजनों ने हृदय से जुड़ी बीमारियों की जानकारी और पुराने पर्चे नहीं दिखाए जिसके कारण महिला को प्रसव से जुड़ा उपचार दिया गया। कुछ ही देर में महिला की हालत बिगडऩे लगी और उसके मुंह से झाग आ गया। महिला ने अस्पताल प्रबंधन के लाख प्रयास के बावजूद दम तोड़ दिया। डॉ. निधि खरे ने कहा कि महिला की मौत में अस्पताल की लापरवाही नहीं है।