आप जहां जा रहे है वहां आपका, आपके इष्ट का या आपके गुरु का अपमान न हो
छतरपुर। राजनगर जनपद की ग्राम पंचायत खैरी में मौनिया पार्टी द्वारा आयोजित की जा रही श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन कथा व्यास महेश कृष्ण शास्त्री ने सती चरित्र की कथा सुनाते हुए कहा कि किसी भी स्थान पर बिना निमंत्रण जाने से पहले इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आप जहां जा रहे है वहां आपका, आपके इष्ट का या आपके गुरु का अपमान न हो। यदि ऐसा होने की आशंका है तो फिर उस स्थान पर नहीं जाना चाहिए। चाहे वह स्थान अपने पिता का घर ही क्यों न हो।
उन्होंने उत्तानपाद के वंश में ध्रुव चरित्र की कथा को सुनाते हुए बताया कि ध्रुव की सौतेली मां सुरुचि के द्वारा अपमानित होने पर भी उसकी मां सुनीति ने धैर्य नहीं खोया, जिससे एक बहुत बड़ा संकट टल गया। परिवार को बचाए रखने के लिए धैर्य संयम की नितांत आवश्यकता रहती है। भक्त ध्रुव द्वारा तपस्या कर श्रीहरि को प्रसन्न करने की कथा को सुनाते हुए बताया कि भक्ति के लिए कोई उम्र बाधा नहीं है। भक्ति को बचपन में ही करने की प्रेरणा देनी चाहिए क्योंकि बचपन कच्चे मिट्टी की तरह होता है उसे जैसा चाहे वैसा पात्र बनाया जा सकता है। कथा के दौरान उन्होंने बताया कि पाप के बाद कोई व्यक्ति नरकगामी हो, इसके लिए श्रीमद् भागवत में श्रेष्ठ उपाय प्रायश्चित बताया है। इसके अलावा कथाव्यास ने महाभारत और रामायण के विभिन्न प्रसंग सुनाए। इस मौके पर गांव के पिर्रू पटेल, कल्लू पाल, राजेश पटेल, मोहन पटेल, हरिप्रसाद पटेल,अरविन्द पटेल, अखिलेश साहू, रामकुमार प्रजापति, लोकनाथ पटेल सहित सैकड़ो लोग मौजूद रहे।