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आजादी के 76 वर्षो बाद भी नही मिली देवरी गाँव के ग्रामीणों को आजादी,जान जोखिम मे डाल कर देवरी मे रहने पर मजबूर ग्रामीण

(ग्राउंड रिपोर्ट जिरो संदीप सेन)

छतरपुर लॉक डाउन खतम जिंदगी लॉक  चारो तरफ नदी बीच मे ग्रामीण ।आजादी के 76 वर्षो बाद भी  नही मिली देवरी  गाँव के ग्रामीणों को आजादी  जान जोखिम मे डाल कर देवरी मे  रहने पर मजबूर ग्रामीण। मध्य प्रदेश सरकार की पोल खोलती तस्वीरे   एक और सरकार दावा कर रही हैं की  गरीब लोगो को प्रधान मंत्री आवास योजना  चलाई जा रही हैं। वही दूसरी ओर  बिजाबर  विधान सभा की ग्राम पंचायत गढ़ा के ग्राम देवरी   मे  आज भी आदिवासी व अन्य समाज झोपडी  मे रहने पर मजबूर है। बीते पांच सालों में आदिवासी  ने आवास पाने के लिए ब्लॉक कार्यालय एवं ग्राम प्रधान व सचिव के चक्कर काटे। । ग्रामीणों ने आरोप लगाय है कि ग्राम पंचायत में रुपये देने वाले लोगों को ही आवास योजना का लाभ मिला है। रुपये नहीं दे पाने की वजह से आवास नहीं मिल सका है। इन्हे आज भी शासन की योजना का आज भी लाभ नही मिल पा रहा है। 

लॉक डाउन खतम जिंदगी लॉक  चारो तरफ नदी बीच मे ग्रामीण-
ग्रामीणों ने आरोप लगाय है की पाँच साल में बिजाबर विधायक राजेश बबलू शुक्ला एक बार भी ग्राम देबरी नही आय है। 
शिक्षा के क्षेत्र में तमाम दावे करती सरकार वही देवरी मे महीनों नही खुलता स्कूल ग्रामीणों ने आक्रोश जताते हुए बताया कि  शिक्षक  महीनों नही आते विधालय साथ ही देवरी ग्राम की एक लड़की को  विधालय  की अध्यापक  अपनी तरफ से  देते है सैलरी ताकि  वो विद्यालय ना जाय और  ड्यूटी होती रहे।

 बिजाबर विकासखंड क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत गढ़ा इलाके में ग्राम देवरी  के बच्चों को काटन नदी पार करके स्कूल जाना पड़ता है। देवरी से करीब सैक्डो स्कूली बच्चे नदी को पार करके प्राथमिक शाला गुलगंज में पढ़ने आते हैं। नदी पार करने के दौरान कोई हादसा न हो जाए, जिसको ध्यान में रखते हुए अभिभावक बच्चों के साथ मौजूद रहते हैं और वे बरसात के मौसम में रोजाना इसी तरह से नदी पार करके बच्चों को स्कूल तक पहुंचाते हैं। छुट्टी के बाद बच्चों को लेकर घर जाते हैं।


बता दें कि जिस काटन नदी को बच्चे पार करते हैं, वो पहाड़ों से निकलने वाली नदी है और ऊपरी इलाक़े में  सुजारा बांध बनाया गया है जिस कारण  कभी भी गेट खोल दिय जाते है जिससे नदी का जल स्तर बढ़ जाता है  । नदी पार करने के दौरान जलस्तर बढ़ जाने से कभी भी हादसा हो सकता है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि वे लंबे समय से नदी में पुल बनाने की मांग कर रहे हैं। लेकिन प्रशासन एवं जिम्मेदार जनप्रतिनिधि मूकदर्शक बने हुए हैं। 

अभिभावक बताते हैं कि जिस दिन नदी का जलस्तर अधिक रहता है। जिस कारण बच्चे महीनों  स्कूल नहीं जा पाते हैं और उनकी पढ़ाई भी प्रभावित होती है।ग्राम पंचायत के सरपंच का कहना है कि उनके द्वारा नदी में पुल बनवाने की काफ़ी कोशिशें की गईं। स्थानीय से लेकर जिला स्तर तक के अधिकारियों को अवगत कराया गया, लेकिन अभी तक किसी भी ज़िम्मेदार ने सुध नहीं ली है। 
ग्रामीणों ने बताया- 
देवरी मे एक आदिवासी महिला  की डिलेवरी होनी है जिस कारण पुरा परिवार परेशान  गांव नही पहुँच सकती एंबुलेंस  और  पैदल नदी पार कर नही आ सकती महिला   नदी पर रास्ते मे पुल की सुविधा नहीं मिलने से देवरी  मे कई सीरियस मरीजो को समय पर एंबुलेंस सुविधा नहीं मिल पाने के कारण कई लोगो की मौत हो गई ऐसे लोगो के आरोप है। 

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