छतरपुर। दिनांक 5 नवंबर 2025 को महाराजा छत्रसाल स्मृति शोध संस्थान की बैठक जटाशंकर होटल, छतरपुर में आयोजित की गई। बैठक में संस्थान के सभी सदस्यों की गरिमामयी उपस्थिति रही। इस अवसर पर संस्थान की नई कार्यकारिणी का गठन किया गया, जिसमें सर्वसम्मति से डॉ. भरत पाठक को अध्यक्ष चुना गया। कार्यकारिणी का कार्यकाल तीन वर्ष का रहेगा, जो नवंबर 2028 तक प्रभावी होगा।
डॉ. भरत पाठक बाल्यकाल से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक हैं। संघ में 50 वर्ष की आयु तक तृतीय वर्ष शिक्षित स्वयंसेवक के रूप में सेवाएं दी हैं। उन्होंने बी.जे. और एम.जे. (पत्रकारिता) में विशेष योग्यता के साथ पढ़ाई पूर्ण की है तथा हिन्दी विषय में एम.ए. और पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की है। विद्यार्थी परिषद में उन्होंने ज़िला संयोजक से लेकर महाकोशल प्रांत के पहले प्रांत मंत्री तक की जिम्मेदारी निभाई।महाराजा महाविद्यालय, छतरपुर में प्राध्यापक रहने के पश्चात उन्होंने मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा उत्तीर्ण की, परंतु राजकीय सेवा में न जाकर संघ योजना के अंतर्गत चित्रकूट में परम श्रद्धेय नानाजी देशमुख जी के सान्निध्य में कार्य करना चुना। वहाँ वे चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय में सचिव रहे। नानाजी देशमुख द्वारा विश्वविद्यालय सरकार को सौंपे जाने के बाद उन्होंने सरकारी सेवा से त्यागपत्र देकर दीनदयाल शोध संस्थान के कार्य में स्वयं को समर्पित किया।
संस्थान में वे सचिव, राष्ट्रीय संगठन सचिव, 15 वर्षों तक राष्ट्रीय प्रधान सचिव और 6 वर्षों तक राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे। डॉ. पाठक जनवरी 2018 से 15 मई 2025 तक जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत नमामि गंगे अभियान में "गंगा विचार मंच" के राष्ट्रीय संयोजक रहे तथा वर्तमान में महात्मा गांधी नेशनल काउंसिल फॉर रूरल एजुकेशन (एमजीएनसीआरई), हैदराबाद, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार में उपाध्यक्ष के रूप में सेवाएं दे रहे हैं। बैठक में प्रमुख रूप से पूर्व अध्यक्ष राधे शुक्ला, विनय चौरसिया, डॉ. कमलेश अहिरवार, अनिल कुमार अग्रवाल, वीरेंद्र असाटी, आशीष ताम्रकार, धीरेंद्र शिवहरे, सुशील वैद्य, द्रगेन्द्र सिंह बुंदेला सहित अन्य सदस्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में संस्थान के सचिव डॉ. कमलेश अहिरवार ने सभी उपस्थितजनों के प्रति आभार व्यक्त किया।

