बड़ामलहरा। जनपद की ग्राम पंचायत रामटौरिया में आवारा पशुओं का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है, लेकिन पंचायत की उदासीनता के चलते हालात काबू में आने की बजाय और खतरनाक हो चुके हैं। आज सुबह स्कूल जा रहे एक मासूम छात्र पर एक आवारा सांड ने अचानक हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया।प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार सांड की टक्कर इतनी ज़ोरदार थी कि छात्र दूर जा गिरा और उसके सिर में गंभीर चोटें आईं, जिसके बाद उसे तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहाँ हालत गंभीर देखते हुए डॉक्टरों ने सिर में टांके लगाए। घटना के बाद ग्रामीणों में भारी रोष है। लोगों का कहना है कि यह कोई पहली घटना नहीं है, लेकिन पंचायत समस्या पर ध्यान देने के बजाय मौन साधे बैठी है। सड़कें अब बच्चों के लिए नहीं, आवारा सांडों के लिए सुरक्षित हैं। इतने हादसों के बाद भी पंचायत जाग नहीं रही, क्या किसी की मौत का इंतज़ार है?कलेक्टर द्वारा हाल ही में सभी पंचायतों को आवारा पशुओं को गौशालाओं में रखने और सड़कों से हटाने के सख्त निर्देश जारी किए गए थे, लेकिन रामटौरिया पंचायत द्वारा अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। ग्रामीणों का आरोप है कि पंचायत के पास न बजट की कमी है न अधिकारों की, फिर भी काम ढुलमुल रवैये के चलते अधर में अटका हुआ है। आवारा पशुओं के झुंड सड़कों पर सुबह-शाम खुले घूमते हैं जिससे न केवल स्कूल जाने वाले बच्चे बल्कि बाइक सवार और राहगीर भी हर पल खतरे की जद में रहते हैं।प्रशासनिक हस्तक्षेप की मांग-
इस दर्दनाक घटना के बाद ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से तत्काल दखल देने, पंचायत सचिव व जिम्मेदारों पर कार्रवाई करने और आवारा पशुओं को तुरंत पकड़कर गौशाला भेजने की मांग की है। यदि समय पर कदम नहीं उठाए गए, तो रामटौरिया और आसपास के गांव किसी बड़ी अनहोनी के मुहाने पर खड़े हैं।

