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बारिश: ठहर गया जनजीवन, रुक गई रफ्तार


छतरपुर। जिले में पिछले 24 घंटे से लगातार हो रही बारिश के चलते तमाम नदी-नाले उफान पर आ गए हैं। कई ग्रामीण अंचलों का मुख्य मार्गों से संपर्क कट गया है और सड़कें, नदियों के पानी में डूब गई हैं। लगातार हो रही भारी बारिश के चलते अब जिले में भी हालात बिगड़ते जा रहे हैं। सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासनिक अमले को मैदान में उतारा गया है। प्रशासनिक टीमें खतरनाक स्थानों पर तैनात हैं और लोगों से सतर्क रहने तथा सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दे रही हैं। जिले के ज्यादातर इलाकों के घरों और खेतों में पानी भर गया है। लोगों का कहना है लंबे अर्से के बाद इस तरह की बारिश उन्होंने देखी है। मौसम विभाग से जानकारी मिली है कि पिछले 24 घंटे में छतरपुर जिले में 700 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई है।

अब तक हुई 184 इंच बारिश, पिछले साल से ढाई गुना ज्यादा है आंकड़ा
छतरपुर। जिले की औसत वर्षा 1074.9 मिमी यानि 42.3 इंच है। गत वर्ष बारिश का आंकड़ा औसत आंकड़े के करीब पहुंच गया था। हालांकि इस वर्ष पिछले एक सप्ताह से अधिक समय से लगातार बारिश होने से जुलाई के पहले सप्ताह में ही आधे से ज्यादा आंकड़े को जिले के सभी विकासखण्डों ने छू लिया है। हालांकि लवकुशनगर और राजनगर में बारिश के आंकड़े पीछे चल रहे हैं। गत वर्ष अब तक कुल 70 इंच बारिश हुई थी लेकिन इस वर्ष 184.5 इंच बारिश हो चुकी है। छतरपुर में बीती रात से हो रही मूसलाधार बारिश के कारण आंकड़ा करीब 7 इंच पहुंच गया है। कई दशकों बाद इस तरह की बारिश देखने को मिली है। भू अभिलेख कार्यालय के आंकड़ों के मुताबिक बिजावर में 5 इंच, गौरिहार में 4 इंच, नौगांव में करीब 4 इंच बारिश सिर्फ एक दिन में हुई है। बक्स्वाहा में 1.5 इंच, लवकुशनगर में 2.0 इंच और बड़ामलहरा में लगभग 2.5 इंच बारिश दर्ज की गई। सिर्फ एक दिन में पूरे जिले में 26 से 30 इंच बारिश दर्ज की गई है। 1 जून से 12 जुलाई तक औसतन 23 इंच बारिश रिकार्ड की गई है।
उफान पर हैं जिले की यह नदियां
जिले की प्रमुख तीन नदी धसान, केन और उर्मिल नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। वहीं रनगुवां बांध का जलस्तर बढऩे के बाद प्रशासन ने एहतियातन उसके सभी 13 गेट खोल दिए हैं। इसके अलावा ग्रामीण अंचलों में मौजूद अन्य सभी छोटी नदियां और नाले भी उफान हैं। जिला मुख्यालय से करीब 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम पठापुर और ग्राम देरी के पहुंच मार्गों के ऊपर से उर्मिल नदी का पानी बह रहा है, जिससे आवागमन बंद है। इसी मार्ग पर स्थित कूडऩताल धाम भी लोग नहीं जा पा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर सटई क्षेत्र के ग्राम झमटुली का नाला भी उफान पर आ गया है, जिसके चलते देवगांव, देवरा, बिजावर और अमानगंज को जोडऩे वाला मार्ग बंद हो गया है। राजनगर तहसील क्षेत्र में बमीठा-भुसौर गंगऊ बांध के बीच बहने वाली पुखराव नदी पर बना अस्थाई पुल भारी बारिश के कारण बह गया है और चार गांवों का आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है। बताया गया है कि पुखराव नदी के अस्थाई पुल को केन-बेतवा लिंक परियोजना के निर्माण के लिए पुराने रिपटा को तोड़कर बनाया गया था। भारी बारिश के कारण यह पुल बह गया, जिससे खरयानी, पलकौंहा, ढोंढऩ सहित और अन्य गांवों के लोगों का संपर्क मुख्य सड़क से कट गया। छतरपुर और टीकमगढ़ जिले की सीमा पर बहने वाली धसान नदी भी उफान पर है। इस नदी पर ईसानगर के समीप मौजूद पचेर घाट और नौगांव के समीप गर्रोली घाट पर जल स्तर पुल से कुछ इंच नीचे देखने को मिला। नदी के आसपास मौजूद बसे गांव और खेत पानी से लबालब भर गए हैं।
बारिश से प्रभावित हुए जिले के यह मार्ग
लगातार हो रही बारिश के बाद शनिवार को जिले के विभिन्न मार्ग प्रभावित हुए। जिला मुख्यालय का सौंरा तालाब लबालब भरने के बाद इसका पानी निकालना पड़ा, जिससे तालाब के पास मौजूद गांव का पहुंच मार्ग प्रभावित रहा। मुख्य नगर पालिका अधिकारी माधुरी शर्मा, एई देवेंद्र धाकड़, इंजीनियर अंकित अजारिया, महेंद्र पटेल, नितेश चौरसिया ने कोतवाली टीआई अरविंद दांगी के साथ संकट मोचन तालाब, सौंरा तालाब, किशोर सागर तालाब सहित जलभराव वाले अन्य स्थानों का निरीक्षण किया। इसी तरह गढ़ीमलहरा क्षेत्र में सिंघाड़ी नदी के उफान पर आने से ग्राम पिड़पा का पहुंच मार्ग अवरुद्ध रहा। उर्मिल नदी के उफान पर आने से हतना-पठापुर मार्ग और देरी रोड अवरुद्ध रहा। ईशानगर क्षेत्र के बौंड़ा मार्ग पर मौजूद पुलिया क्षतिग्रस्त होने के बाद आवागमन बंद किया गया। राजनगर क्षेत्र के रनेह फॉल मार्ग पर स्थित एक छोटी नदी की पुलिया उफान पर आई जिससे यह मार्ग बंद किया गया, साथ ही स्थानीय अधिकारी-कर्मचारी भी मौके पर मौजूद रहे। इसके अलावा बमीठा क्षेत्र का रनगुवां-सिलौन मार्ग, चंद्रनगर-राजगढ़ मार्ग भी अवरुद्ध रहा। बक्सवाहा क्षेत्र के ग्राम बम्हौरी में पुलिया डूबने के बाद बैरीकेडिंग कराई गई और आवागमन को रोक दिया गया।
छतरपुर: किशोर सागर तालाब में डूबा युवक, तलाश जारी
छतरपुर शहर के किशोर सागर तालाब में दोपहर के वक्त एक युवक के डूबने की घटना सामने आई। बताया गया है कि सागर रोड के परिहार मार्केट का रहने वाला सुरेंद्र कुमार पुत्र नाथूराम मिश्रा उम्र 40 वर्ष अपने चार पहिया वाहन से दोपहर 3 बजे किशोर सागर तालाब में नहाने आया था। सुरेन्द्र ने गाड़ी में कपड़े उतारकर तालाब में छलांग लगा दी और इसके बाद गहरे पानी में डूब गया। घटना की सूचना मिलते ही सिटी कोतवाली थाना पुलिस और पुलिस बल मौके पर पहुंच गया। सीएसपी अरुण कुमार सोनी ने बताया कि युवक को डूबे हुए कई घंटे हो चुके हैं लेकिन अभी तक शव नहीं मिला है। चूंकि एसडीआरएफ की टीम अन्य स्थानों पर व्यस्त हैं, जिस कारण से मौके पर नहीं पहुंच सकी हैं। शव की तलाश के लिए गोताखोरों की मदद ली जा रही है। गौरतलब है कि भारी बारिश के कारण तालाब का जलस्तर बढ़ा हुआ है, जिससे शव की खोज करने में परेशानी हो रही है।
छतरपुर: तालाब के जलभराव ने खोली अतिक्रमण की पोल
जिला मुख्यालय का संकटमोचन तालाब पानी से लबालब भर गया है और तालाब के जलभराव ने यहां किए गए अतिक्रमण की पोल खोल दी है। तलाब भरने के बाद जो तस्वीर सामने आई है उससे पता चल रहा है कि लोगों ने तालाब की लगभग आधी जमीन पर अतिक्रमण कर लिया है। यह तस्वीर दिन भर सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी रही। लोगों ने प्रशासन से इस ओर ध्यान देने का आग्रह किया है।
बमीठा: पानी में समाई फोरलेन सड़क
जिले के बमीठा कस्बे में झांसी-खजुराहो फोरलाइन मार्ग पर मौजूद बमीठा तिराहा पूरी तरह जलमग्न हो गया है। लगातार बारिश के चलते यहां पानी भर गया और वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा। स्थानीय लोगों ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा फोरलाइन निर्माण के दौरान जल निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं की गई, जिसके चलते बारिश के समय सड़क पर ही जलभराव की स्थिति बन रही है। गौरतलब है कि विश्वप्रसिद्ध पर्यटन स्थल खजुराहो जाने के लिए लोगों को इसी तिराहे से गुजरना होता है।
हरपालपुर: लोगों के घरों में घुसा नालियों का पानी
नोट: इस समाचार के साथ फोटो क्रमांक 08 लगाएं।
हरपालपुर के वार्ड नंबर 2 में बारिश का पानी नालियों से न निकलकर सड़कों पर भरने के साथ-साथ लोगों के घरों तक पहुंच रहा है। यहां के लोगों का कहना है कि नगर परिषद की लापरवाही के चलते यह स्थिति बनी है, साथ ही नगर पालिका के स्वच्छता अभियान की पोल भी खुल गई है। वार्डवासियों का कहना है कि हर साल बारिश के मौसम में यही हाल होता है, लेकिन समय पर नगर परिषद द्वारा ठोस कदम नही उठाये जाते।
खजुराहो: अंडर ब्रिज के नीचे पानी में डूबी यात्री बस
खजुराहो से बमीठा आने वाले मार्ग पर शनिवार को भारी बारिश के चलते जलभराव की स्थिति बन गई। रेल्वे क्रॉसिंग पर अंडरब्रिज के नीचे पानी भर जाने के बाद एक यात्री बस पूरी तरह से पानी में डूब गई। बताया जा रहा है कि बस में सवार सभी यात्री समय रहते सुरक्षित बाहर निकल गए, जिससे बड़ा हादसा टल गया।
झमटुली: बन्ने नदी में बह गए सुअर, पेड़ पर फंसे लोग
बमीठा थाना क्षेत्र के ग्राम झमटुली के पास से गुजरी बन्ने नदी के बहाव में एक सुअर पालक के सुअर बह गए। सुअर पालक मनप्यारे बंसल ने बताया कि उसके जानवर नदी के पास घूम रहे थे, अचानक नदी का जल स्तर बढ़ गया और सारे जानवर पानी के साथ बह गए। इसके अलावा नदी के किनारों पर मौजूद खेत भी पानी में समा गए हैं। ग्राम ओंटापुरवा के किसान सुरेश पटेल, वृंदावन पटेल, रामचरन अहिरवार आदि ने बताया कि उनके खेतों में करीब 8 फिट पानी भर गया है। गौरतलब है कि दो दिनों से हो रही बारिश के कारण झमटुली गांव के अलावा, रमपुरा, ओंटा पुरवा और सलैया गांव के किसानों की फसलें चौपट हो गई हैं। देर शाम इसी नदी में 5 लोगों के फंसने की जानकारी भी मिली है। बताया गया है कि दिदौनिया गांव के रहने वाले 5 ग्रामीण एक पेड़ पर चढ़े हुए हैं। सूचना मिलते ही बमीठा पुलिस सहित रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंच गए है।
नौगांव: नैगुवां पुल के ऊपर आया पानी
नौगांव क्षेत्र में मौजूद नैगुवां पुल के ऊपर पानी पहुंच गया। सुरक्षा के मद्देनजर यहां राजस्व एवं होमगार्ड की टीम मौजूद रही। इसी क्षेत्र के पिपरी रिपटा पर भी बैरीकेडिंग की गई। कलेक्टर के निर्देशन में नौगांव एसडीम, तहसीलदार, एसडीओपी, थाना प्रभारी, राजस्व विभाग और जनपद के अधिकारी-कर्मचारियों की टीम ने बारिश से प्रभावित गांवों का निरीक्षण किया। एक टीम ने धसान के किनारे पर मौजूद नौगांव जनपद के ग्राम बंछौरा का निरीक्षण किया, हालांकि यहां स्थिति सामान्य मिली। नौगांव नगर में नगर पालिका प्रशासन भी अलर्ट पर रहा। नपा की टीम ने ऐसे मकानों का निरीक्षण किया, जो जर्जर हैं। धसान नदी के गर्रोली घाट के एक ओर पलेरा पुलिस और दूसरी ओर गर्रोली चौकी पुलिस तैनात रही।
हरपालपुर: देवरी बांध के 10 और लहचूरा बांध के 9 फाटक खुले
लगातार बारिश के चलते धसान नदी उफान पर है और एमपी-यूपी सीमा पर बने देवरी बांध तथा लहचूरा बांध लबालब हो गए हैं। शनिवार को देवरी बांध के 10 फाटक 2 मीटर एवं लहचूरा बांध के 9 फाटक 3 मीटर खोलर 2.88 लाख 400 क्यूसैक पानी डिस्चार्ज किया गया। वहीं उत्तरप्रदेश के इलाके में महोबा जिला प्रशासन ने धसान नदी किनारे स्थित टपरन, लिलवा, काशीपुरा सहित अन्य गांव में अलर्ट जारी कर नदी के पानी पर नजर रखी। छतरपुर कलेक्टर पार्थ जसवाल के निर्देश पर नौगंव एसडीएम जीएस पटेल, तहसीलदार पीयूष दीक्षित, पटवारी आशीष पांडेय, मनीष प्रताप सिंह की टीम धसान के किनारे पर बसे छतरपुर जिले के ग्राम चपरन, लहदरा, मड़ोरी का निरीक्षण करने पहुंची। उल्लेखनीय है कि गत वर्ष धसान नदी का पानी चरपन गांव में घुसने से एक दर्जन लोग फंस गए थे, जिसको ध्यान में रखकर इस बार प्रशासन पहले से अलर्ट है।
बूढ़ा बांध के जल भराव में डूबी हजारों एकड़ जमीन
छतरपुर के सिविल लाइन थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत बृजपुरा में बना बूढ़ा बांध भी लबालब हो गया है। करीब 10 साल बाद बांध में इतना पानी जमा हुआ है कि किसानों की हजारों एकड़ जमीन जलमग्न हो गई है। ग्रामीणों का दावा है कि क्षेत्र के लगभग पांच सैकड़ा किसानों की 10 हजार एकड़ भूमि पर पानी भर गया है। बांध का जलभराव देखने के लिए शनिवार को ग्रामीणों की भीड़ भी जमा रही। वहीं कलेक्टर पार्थ जैसवाल और पुलिस अधीक्षक अगम जैन ने अलर्ट जारी कर लोगों से सतर्क रहने की अपील की। ग्राम पंचायत बृजपुरा के सरपंच आदित्य मिश्रा ने बताया कि कुछ ग्रामीण जान की परवाह किए बिना बांध में स्नान कर रहे थे, जिसकी सूचना उन्होंने प्रशासन को दी, जिसके बाद सिविल लाइन पुलिस ने मौके पर जाकर लोगों को समझाइश दी।
जिला प्रशासन ने की अपील, कहा- सावधानी ही सुरक्षा
अतिवृष्टि को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने जिले के सभी विकासखंडों में राजस्व अधिकारियों को लगातार निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि अत्यधिक बारिश के चलते जिले के कई मार्ग प्रभावित हैं, साथ ही विभिन्न पहुंच मार्गों के पुल पुलियों के ऊपर से पानी बह रहा है, ऐसी स्थिति में पैदल अथवा वाहन से जोखिम भरे रास्तों को पार न करें। उन्होंने कहा कि इस समय सावधानी ही सुरक्षा है। कलेक्टर के निर्देशन में अन्य अधिकारियों ने भी लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी। ऐसे मार्गों की बेरिकेडिंग की गई, जिनके ऊपर अथवा पुलिस के पास पानी का बहाव है। साथ ही सभी जगहों पर कोटवारों की ड्यूटी भी लगाई गई है। कलेक्टर के निर्देशन में एसडीएम, तहसीलदारों के साथ राजस्व अधिकारियों की टीम सतत निगरानी कर रही हैं। पुलिस, होमगार्ड और एसडीईआरएफ टीमों को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है। जिला प्रशासन ने प्राकृतिक आपदा में फंसने पर बचाव या सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर 07682-245376 जारी किया है और अपील की है कि अप्रिय स्थिति में तुरंत सूचना दें ताकि समय पर मदद पहुंच सके। वहीं पुलिस अधीक्षक अगम जैन के निर्देशन में पुलिस टीमें भी उफान पर बह रहीं नदियों के किनारे तैनात हैं, जो एनाउंसमेंट करके लोगों को सचेत कर रही हैं।

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